सिर्फ होर्डिंग्स लगे तो ये आलम, मैदान में आने पर क्या होगा?

पिंपरी : संवाददाता- मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ की उम्मीदवारी से जुड़े सवाल के जवाब में शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने कौन पार्थ, कौन पवार? यह सवाल उठाया था। इसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए पिंपरी चिंचवड मनपा में विपक्ष के नेता दत्ता साने ने तंज कसा कि, अभी केवल होर्डिंग लगे तो ये आलम है जब पार्थ परोक्ष मैदान में उतरेंगे तो क्या होगा? पार्थ की होर्डिंग से ही बारणे इतना घबरा गए हैं चुनाव में क्या हालत होगी? इसका अनुमान लगा सकते हैं। यही नहीं साने ने सांसद बारणे की हालत की तुलना बुझने से पहले फड़फड़ाने वाले दिए से की है।
बीते कुछ दिनों से पिंपरी चिंचवड शहर के समावेशवाले मावल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से मैदान में उतारने की तैयारी शुरू है। मावल चुनाव क्षेत्र में पार्थ की होर्डिंगबाजी और कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। सियासी गलियारों में यह चर्चा भी उठी थी अगर पार्थ प्रत्याशी होंगे तो शिवसेना के मौजूदा सांसद श्रीरंग बारणे समेत अन्य इच्छुक मैदान से खुद ही बाहर हो जाएंगे। बीते दिन एक संवाददाता सम्मेलन में पूछने पर सांसद बारणे ने कहा कि, पार्थ पवार कौन है? मैं नहीं पहचानता।
उन्होंने यह भी कहा था कि पार्थ की पहचान केवल अजीत पवार के पुत्र के तौर पर ही है। उनकी दूसरी कोई पहचान नहीं है इसलिए उन्हें अपनी पहचान दिखाने के लिए होर्डिंग और पोस्टरबाजी का सहारा लेना पड़ रहा है। मैं बीते 25 सालों से शहर की सियासत में सक्रिय हूँ, मेरे काम से लोगों के दिलों में मेरी पहचान है। ऐसे में अपने सामने पार्थ हो या कोई और पवार मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस पर आज विपक्ष के नेता दत्ता साने ने उपरोक्त तंज कसते हुए कहा कि, बारणे तीन बार नगरसेवक रह चुके हैं। राष्ट्रवादी- कांग्रेस के कार्यकाल में अजीत पवार के आशीर्वाद से उन्हें स्थायी समिति का अध्यक्ष पद मिला। शिवसेना में जाने के बाद भी वे पवार से अपने चुनाव क्षेत्र के काम करवाते रहे, पवार ने भी  सियासी भेदभाव न कर उनके कामों को प्राथमिकता दी। तब उन्हें पवार कौन? यह सवाल नहीं सूझा।