आईआइटी बनाएगा सस्ते हाईटेक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन

कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआइटी) अपनी तकनीक के दम पर विदेशों को टक्कर देगा। संस्थान के विशेषज्ञ सस्ते हाईटेक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन तैयार करने में जुट गए हैं। इनसे वह प्रदूषण के कारक भी मापे जा सकेंगे, जिनकी मात्रा देश में ज्ञात करना संभव नहीं है। उनके सैंपल को अन्य देशों में भेजना पड़ता है। आइआइटी के इस काम में अमेरिका भी सहयोग कर रहा है। सिविल इंजीनिय¨रग विभाग ने प्रोजेक्ट तैयार किया है।

शहर में लगेंगे 60 एयर सैंपलर

आईआइटी अपने कैंपस परिसर में 25 और शहर में 60 एयर सैंपलर लगाएगा। इसमें आवासीय, औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र शामिल हैं। विशेषज्ञों ने एयर सैंपलर के लिए 60 प्वाइंट चिह्नित किए हैं। इनमें कल्याणपुर, पनकी, शारदा नगर, रावतपुर, विजय नगर, नौबस्ता, सचेंडी, जाजमऊ, सिविल लाइंस, माल रोड, नवाबगंज, चौबेपुर आदि हैं।

सेंसर अपने आप होंगे कैलिब्रेट

एयर सैंपलर अत्याधुनिक तरह से काम करेंगे। इन्हें सौर उर्जा से संचालित किया जा सकेगा। इसमें लगे सेंसर अपने आप कैलिब्रेट (खुद खराबी दूर करना) होंगे। हवा में मौजूद डाटा को ऑनलाइन भेजा जाएगा। आइआइटी के विशेषज्ञ 60 सैंपलर का पूरा नेटवर्क तैयार करेंगे।

आईआइटी मुंबई में लगेंगे 15 सैंपलर

संस्थान की ओर से आइआइटी मुंबई के कैंपस में भी 15 एयर सैंपलर लगाए जाएंगे। उनके डाटा को भी कानपुर या फिर मुंबई से देखा जा सकेगा।

एक करोड़ की सहायता मिली

एयर क्वालिटी की जांच तीन साल तक की जाएगी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर वास्तविक एयर क्वालिटी इंडेक्स तैयार किया जाएगा। वायु के प्रदूषित होने के कारण की भी जानकारी मिल सकेगी। आइआइटी को एक करोड़ रुपये की सहायता मिली है।

पीएम वन, ओजोन गैस का आकलन

आईआइटी द्वारा बनाए गए मॉनीट¨रग स्टेशन से पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5, 10) के साथ ही पीएम वन की मात्रा भी सामने आ सकेगी। ओजोन गैस कितनी प्रभावित है। हवा में लेड की कितनी मात्रा है, उसकी जानकारी हो जाएगी।आइआइटी सस्ते एयर क्वालिटी मॉनीट¨रग स्टेशन तैयार कर रही है। इससे हवा की वास्तविक गुणवत्ता का पता चल जाएगा। नगर में एयर सैंपलर का पूरा नेटवर्क तैयार किया जाएगा।