चीफ जस्टिस के खिलाफ नहीं चलेगा महाभियोग, प्रस्ताव खारिज

 नई दिल्ली: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। इसके पीछे तकनीकी आधार को वजह बताया जा रहा है। ख़बरों के मुताबिक, महाभियोग प्रस्ताव पर सात सेवानिवृत्त सासंदों के दस्तखत होने की वजह से राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति को इस प्रस्ताव में कोई मेरिट नहीं दिखा। इस महाभियोग पर फैसला लेने से पहले वेंकैया नायडू ने संविधान विशेषज्ञों से काफी विचार विमर्श किया।

अधिकार पर सवाल
इधर प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के पास मेरिट के आधार पर रिजेक्ट करने का अधिकार नहीं। अपने 20 पेज के आदेश में नायडू ने लिखा है कि यह राजनीति से प्रेरित प्रस्ताव है। आदेश में कहा गया है कि विपक्ष के 71 सांसदों के साइन में 7 पूर्व सांसदों के हस्ताक्षर थे। इसलिए तकनीकी आधार पर इसे खारिज किया जाता है।

कांग्रेस का विकल्प
प्रस्ताव खारिज होना कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के लिए एक झटका है। कांग्रेस चीफ जस्टिस के खिलाफ खुलकर हमला बोलती आई है, उसने पांच मुद्दों का हवाला देते हुए यह प्रस्ताव पेश किया था। अब कांग्रेस के पास केवल सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है। गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए महाभियोग का नोटिस दिया था।