मालेगांव विस्फोट मामले में जांच एजेंसी आज कोर्ट में एफिडेविट पेश करेगी

मुंबई : समाचार ऑनलाईन – मालेगांव बम विस्फोट मामले में जांच एजेंसियो दवारा एनआईए कोर्ट में पेश की गयी सबूतों के डॉक्युमेंट्स के जेरोक्स की सत्यता कैसे जांच की गयी ? यह सवाल हाई कोर्ट ने पूछा है । इस प्रकरण में बुधवार को एफिडेविट पेश करने का आदेश न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति अजय गडकरी की खंडपीठ ने एनआईए को दिया है ।

मालेगांव बम विस्फोट प्रकरण में एनआईए कोर्ट ने गायब हुए कागजातों और चश्मदीदों के बयान की मूल कॉपी पेश करने का देश जांच एजेंसी को दिया था । इस पर जांच एजेंसी ने कोर्ट से विनती की थी कि जब तक नये सबूत कोर्ट के समक्ष पेश नहीं होता है तब तक पुराने बयानों को कोर्ट सबूत के तौर पर स्वीकार करें ।इस पर इस मामले के आरोपी समीर कुलकर्णी ने ऐतराज जताते हुए मुंबई हाई कोर्ट चुनौती याचिका दायर की है । इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई । इस पर कोर्ट ने एजेंसी से पूछा की सबूत किस आधार पर सत्य है ? यह सवाल खड़े करते हुए एजेंसी को 23 जनवरी तक एफिडेविट पेश करने का आदेश दिया है ।