सियासी गलियारों में फिर एक मुलाकात ने मचाई खलबली

पिंपरी। संवाददाता – लोकसभा चुनाव की घमासान के बीच पिंपरी चिंचवड शहर के सियासी गलियारों में गुरुवार को फिर एक मुलाकात ने खलबली मचा दी। वह थी एक- दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन माने जाने वाले शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे और भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप की मुलाकात। मावल लोकसभा की सीट भाजपा को न मिलने और शिवसेना से बारणे की उम्मीदवारी से विधायक जगताप नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिहाज से आज बारणे ने पिंपले गुरव में उनके निवास स्थान पर उनसे मुलाकात की। हालांकि दोनों के बीच हुई चर्चा का ब्यौरा या मुलाकात की कोई तस्वीर नहीं मिल सकी है। मगर क्या यह मुलाकात जगताप के मन में बारणे को लेकर रही कड़वाहट कम कर सकेगी? यह सवाल उठाया जा रहा है।

पुणे जिले में पिंपरी चिंचवड के समावेश वाली मावल और शिरूर लोकसभा की सीटें शिवसेना के पास है। मावल के सांसद श्रीरंग बारणे और भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप एवं शिरूर के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल व भाजपा विधायक महेश लांडगे के बीच 36 का आंकड़ा है। युति से पहले तक दोनों विधायक भी मावल और शिरूर से इच्छुक थे। शिवसेना सांसदों और भाजपा विधायकों के बीच पूरे पांच सालों तक सियासी वॉर छिड़ा रहा। दोनों भी एक- दूसरे को कहीं भी नीचा दिखाने में पीछे नहीं हटे। अब शिवसेना- भाजपा की युति होने के बाद इन चारों पर एक- दूसरे के कंधे पर हाथ रखने की नौबत आई है। मगर भाजपा के दोनों विधायक और उनके समर्थक इसके लिए दिल से तैयार नजर नहीं आते। विधायक जगताप ने तो दोनों पार्टियों की पहली ही समन्वय बैठक में अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी।

इसी गहमा गहमी में शिवजयन्ती के एक समारोह में राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी पार्थ पवार और उनकी मुलाकात ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी। ऐसे में माना जा रहा है कि बारणे की राह आसान नहीं है। मगर आज उन्होंने खुद विधायक जगताप के घर जाकर उनसे मुलाकात किये जाने से मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र सियासी समीकरण बदलने के आसार नजर आ रहे हैं। इस मुलाकात को कराने में राज्य लोकलेखा समिति के अध्यक्ष एड सचिन पटवर्धन ने अहम भूमिका निभाई। जगताप और बारणे के बीच क्या चर्चा हुई इसका ब्यौरा खबर लिखने तक नहीं मिल सका। बहरहाल शिवसेना की वरिष्ठ नेता डॉ नीलम गोरहे ने भी आज शिवसेना से नाराज चल रहे भाजपा विधायक जगताप से मुलाकात की। उन्होंने भी जगताप की नाराजगी दूर करने की कोशिश किए जाने की खबर है। हालांकि शिवसेना द्वारा स्थानीय भाजपाइयों की नाराजगी दूर करने के लिए की जा रही कोशिशें कितनी असरदार साबित होगी? यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।