आठ साल की बच्ची से रेप मामले में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को मौत की सजा दी

 भोपाल। समाचार ऑनलाइन
मध्य प्रदेश के मंदसौर में 8 साल की बच्ची से रेप के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। यह मामला 26 जून का है जब इरफान और आसिफ नाम के दो लोगों ने बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था और उसकी हत्या की कोशिश भी की थी। विशेष न्यायालय की न्यायाधीश निशा गुप्ता ने आठ वर्षीय स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में इरफान ऊर्फ भैयू (20) एवं आसिफ (24) को संबंधित धाराओं में दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक बी एस ठाकुर ने बताया कि अदालत ने हाल ही में शुरू किए गये भादंवि की धारा 376डीबी के तहत दोनों आरोपियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इस धारा के तहत 12 वर्ष से कम साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार करने पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है।
सिर्फ 56 दिनों में ट्रायल पूरा
कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ 56 दिनों में ट्रायल पूरा कर आरोपियों को सजा सुनाई है। मंदसौर में आठ वर्षीय बच्ची को 26 जून की शाम लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया था जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी। सामूहिक बलात्कार के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था। वह सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी। इस अमानवीय घटना के बाद मंदसौर सहित पूरे मध्यप्रदेश में आरोपियों को तुरंत फांसी देने की मांग करते हुए लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये थे।
मामले में पुलिस ने इरफान एवं आसिफ को गिरफ्तार किया था। एसआईटी ने दोनों आरोपियों पर भादंवि की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 376 (2एन), 366 (अपहरण), 363 (अपहरण के दण्ड) एवं पॉक्सो एक्ट से संबधित धाराओं के तहत 10 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। घटना के मात्र 15वें दिन दाखिल किये गये इस आरोप पत्र में 350 से अधिक पेज एवं प्रमाण के लिए करीब 100 दस्तावेज थे। इसमें डॉक्टरों सहित 92 गवाहों के बयान भी दर्ज थे। इसके अलावा, इस आरोप पत्र के साथ अदालत में 50 चीजें भी पेश की गई हैं, जिनमें आरोपियों इरफान एवं आसिफ द्वारा बच्ची को जान से मारने की नीयत से उस पर हमला करने वाले चाकू एवं कपड़े भी शामिल थे।