भारत के प्रयासों से नीरव मोदी की सेहत पर खास असर नहीं

नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक के 14,000 करोड़ रुपए डकारने वाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी बड़े मजे से विदेशों में अपना बिज़नेस चला रहा है। उस पर शिकंजा कसने की भारत सरकार की कोशिशों से उसके चेहरे की चमक फीकी नहीं पड़ी है। नीरव मोदी के भारतीय बैंकों में मौजूद खातों को फ्रीज कर लिया गया है और बेल्जियम की कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया है। इसके बावजूद नीरव मोदी का बिज़नेस पहले जैसा ही चल रहा है।

ये है वजह
आपको बता दें कि भारत सरकार ने ब्रसेल्स के सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को नीरव मोदी के खिलाफ जांच से अवगत करा दिया है और उससे संबंधित सभी तरह के लेनदेन ब्लॉक करने की मांग की है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इसके बावजूद मोदी के व्यवसाय पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। इसकी वजह यह है कि नीरव मोदी अपने पिता और अन्य सहयोगियों के जरिए बिज़नेस चल रहा है।

23 कंपनियां रजिस्टर्ड
जानकारी के अनुसार, मोदी और उसके परिवार के लोगों से जुड़ी करीब 23 सहयोगी कंपनियां सिंगापुर, अमेरिका, रूस, हॉन्ग कॉन्ग, बेल्जियम, फ्रांस, मकाऊ, यूएई और अर्मेनिया में रजिस्टर्ड हैं। प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की मांग पर भारत सरकार ने 24 फरवरी को नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। हालांकि इसके बाद भी वह यूरोपीय देशों की यात्रा करता रहा। सीबीआई और ईडी ने मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है, लेकिन इंटरपोल ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बेल्जियम, यूरोप और फ्रांस को पत्र लिखकर मांग की है कि नीरव मोदी के स्थान और गतिविधियों के बारे में भारतीय एजेंसियों को बताया जाये। सरकार का मानना है कि इससे मोदी पर दबाव बढ़ेगा।