विश्व विज्ञान दिवस के अवसर पर भारत का पहला ‘टीचर्स टिंकरिंग फेस्ट’ का आयोजन

पुणे : समाचार ऑनलाइन – अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, पीसीएमसी चैप्टर द्वारा एलप्रो इंटरनेशनल स्कूल, चिंचवड़ में भारत का पहला ‘टीचर्स टिंकरिंग फेस्ट’ का आयोजन किया जा रहा है। बता दें कि भारत का पहला ‘टीचर्स टिंकरिंग फेस्ट’ है। जहां एक डेढ़-दिवसीय कार्यक्रम जहां शिक्षक विशेष कार्यशालाओं में भाग लेंगे जहां उन्हें अनुभवात्मक शिक्षण मिलेगा। यह कार्यक्रम  9 और 10 नवंबर को विश्व विज्ञान दिवस के अवसर पर पुणे के चिंचवाड़ में एलप्रो इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित किया जाएगा। इसी जानकारी पुणे प्रेस सम्मेलन में दी गयी।

अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. स्वाति पोपट वत्स ने कहा –
प्रेस सम्मेलन के दौरान अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. स्वाति पोपट वत्स ने कहा कि ‘भारत का पहला ‘टीचर्स टिंकरिंग फेस्ट’ का आयोजन कर रहे है। इस फेस्ट में टीचर्स डेढ़ दिन तक बच्चे बनेंगे। जहां टीचर्स बच्चों के तरह ही गतिविधियां करेंगे। आगे उन्होंने बताया कि हम अपने शिक्षकों द्वारा विशेष रूप से  बचपन में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को पूरी तरह से पहचानते हैं और उन्हें इस विशेष सम्मेलन में प्रस्तुत और सम्मानित करने के लिए उत्साहित हैं जहाँ विशेषज्ञ शैक्षणिक अवधारणाओं को सिखाने के लिए विभिन गतिविधिया आयोजित करेंगे। साथ ही हमारी कोशिश है कि शिक्षकों को इस सम्मेलन में केवल “श्रोताओं ” के बजाय” मेकर्स “और” डॉअर्स” बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।’

भाग लेने वाले को दिया जायेगा प्रमाणपत्र –
जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागी रहेंगे। पुणे और आसपास के शहरों से माता-पिता और शिक्षक इस विशेषज्ञ-नेतृत्व वाले सत्रों में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञ शिक्षा के क्षेत्र में निपुण है और छोटे बच्चों को ज्ञान हस्तांतरण की कला में प्रशिक्षित है। प्रत्येक सत्र लगभग 90 मिनट तक चलेगा और शिक्षक सम्मेलन में सभी पाँच सत्रों में भाग लेंगे और प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे।

 लकी सुराणा ने कहा –
इस दौरान टेरिटरी हेड, ईसीए, पीसीएमसी चैप्टर के लकी सुराणा ने कहा, ‘पीसीएमसी चैप्टर पूरी तरह से ईसीए के मिशन के साथ है और हम इस तरह के सामाजिक कार्यक्रम को व्यवस्थित करने का प्रयास करते हैं। पुणे हमारे देश की शिक्षा राजधानी है और यह सम्मेलन वास्तव में सीखने की प्रक्रिया को दर्शाता है कि अनुभवात्मक शिक्षण बेहद प्रभावी और महत्वपूर्ण है।’

‘टीचर्स टिंकरिंग फेस्ट’ का ये है उद्देश्य –
अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पास भारत के 43 क्षेत्र हैं और इसका लक्ष्य पूर्वस्कूली, बालवाड़ी, गैर सरकारी संगठन, बच्चों की गतिविधि कक्षाएं, माता-पिता, छात्र शिक्षक, मीडिया हाउस की स्थापना करना जिससे सभी चर्चा करने, सीखने और साझा करने, जुड़ने और देखभाल के विकास की गुणवत्ता में बदलाव लाने और सीखने के लिए एक साथ आ सकते हैं। जैसा कि गिजुभाई बधेका कहते हैं कि ‘बच्चों को स्कूल में” जॉय ऑफ लर्निंग “सीखने के लिए उत्साह विकसित करना चाहिए और ‘अनुभवात्मक शिक्षण’ इसे हासिल करने का एक बेहतर तरीका हो सकता है।