फेक न्यूज़ और आपत्तिजनक कंटेंट की रोकथाम हेतु पहल 

गृह मंत्रालय ने की सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बैठक 
नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन  – फेक न्यूज़ और आपत्तिजनक कंटेंट से देशभर में हो रही अप्रिय घटनाओं से केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। इस पृष्टभूमि पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के आला अधिकारीयों ने सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें केंद्र सरकार ने सभी कंपनियों से कहा कि वे फौरन ऐसा सिस्टम बनाएं और सरकार से इस साझा करें, जिसके तहत फेक न्यूज या अफवाह फैलाने वाले कॉन्टेंट पर तुरंत ऐक्शन हो सके। गृह सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को इस संबंध में सोशल मीडिया कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बैठक में ऐसे कन्टेंट को किस तरह से रोकें और क्या गाइडलाइंस तय की जानी चाहिए आदि मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में गूगल, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के प्रतिनिधियों के अलावा सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े सीनियर अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। अफवाह या फेक न्यूज की वजह से हुई हिंसक घटनाओं, बच्चों और महिलाओं से जुड़े आपत्तिजनक कन्टेंट पर भी बैठक में चर्चा हुई। सोशल मीडिया कंपनियों से कहा गया कि वह ऐसी सामग्री और इसका प्रसार करने वाले अकाउंट को तुरंत ब्लॉक करने के लिए खास सिस्टम बनाएं। सरकार ने ऐंटी नैशनल कॉन्टेंट पर रोक के लिए कंपनियों को खास सुझाव भी दिए। यह तब हुई है जब केंद्र सरकार ने ऐसे कन्टेंट पर रोक की दिशा में नए कानून बनाने की पहल की है। इसके तहत सोशल मीडिया या ऑनलाइन हेट कॉन्टेंट देने या अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए बने कानून 66 (ए) के खत्म होने के बाद उसके बदले नए कानून को अंतिम रूप दे रही ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने इस बारे में सिफारिश की थी। अब इस कानून पर अंतिम सहमति बनाकर कैबिनेट के सामने पेश किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से 66 (ए) को खत्म करने के बाद इस बार सरकार सोशल मीडिया के लिए अलग से कानून नहीं लाएगी। सरकार आईपीसी की मौजूदा धारा में ही बदलाव कर सोशल मीडिया या ऑनलाइन हेट या अफवाह वाले  कन्टेंट  पर कड़ा दंड देने के लिए अलग से प्रावधान आईपीसी में देगी। यदि कानून पास हो गया तो ऐसे  कन्टेंट  पर कम से कम तीन साल की सजा होगी और यह अपराध गैर जमानती भी होगा। गौरतलब हो कि हाल के दिनों में वॉट्सऐप पर फैली अफवाह की वजह से कई हिंसक घटनाएं सामने आई थीं।