मोदी के संकटमोचक अजीत डोभाल ने विपक्षी गठबंधन पर दी यह राय 

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन- ऑल इंडिया रेडियो द्वारा आयोजित सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इशारों-इशारों में विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, भारत को अगले 10 साल तक मजबूत, स्थायी और निर्णायक सरकार की जरूरत है। कमजोर गठबंधन देश के लिए बेहद नुकसान पहुंचानेवाला साबित होगा। विभाजित राजनीति देश के सपनों को साकार करना असंभव बना देती है क्योंकि कमजोर सरकारें कड़े फैसले लेने में सक्षम नहीं होतीं।

अस्थिर शासन से भ्रष्टाचार और व्यापक हितों पर स्थानीय राजनीतिक हितों को बढ़ावा मिलता है। ब्राजील का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस देश का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन अच्छा है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता ने उसके विकास को बाधित किया है। भारत अगले कुछ सालों तक सॉफ्ट पावर नहीं हो सकता, क्योंकि इसे कठोर फैसले लेने के लिए मजबूर किया जाएगा। यदि हमें बड़ी शक्ति बनना है तो देश को आर्थिक तौर पर और मजबूत होना होगा। इसे वैश्विक स्तर पर मजबूत प्रतियोगी की भूमिका में आना होगा, यह सिर्फ तब संभव है जब हम तकनीकी तौर पर आगे होंगे।

लोकप्रिय फैसलों को देश के जरूरत वाले फैसलों पर प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए। यह एक तरह का प्रलोभन है कि आप एक चीज लेते हैं या राष्ट्रीय हित के फैसले लेने से बचते हैं। तेल कीमतों पर उन्होंने कहा कि लोकप्रिय कदमों को राष्ट्रहित से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हमारे लिए संकट है देश को उसका सामना करना ही होगा। हो सकता है कठिन फैसले देश के लोगों को कुछ समय के लिए थोड़ा दर्द दें मगर देश के हित में ऐसे फैसले जरुरी हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्ष 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। डोभाल ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा, चीन की अलीबाबा और उस जैसी कंपनियां कैसे इतनी बड़ी बन गई, चीन की सरकार ने उन्हें कितना सपॉर्ट किया है। हम चाहते हैं कि भारत की प्राइवेट सेक्टर कंपनियां परफॉर्म करें और भारतीय रणनीतिक हित को प्रमोट करें। शासन जनप्रतिनिधियों द्वारा नहीं होता है, बल्कि उनके बनाए गए कानूनों के द्वारा होता है। इसलिए कानून का शासन अत्यंत महत्वपूर्ण है।