आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब के बदले में रोजाना मिल रहे हैं 50 खत!

भोपाल। समाचार एजेंसी

आरटीआई याने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगना मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर के लिए परेशानी का सबब बन गया है। उनके एक सवाल के जवाब में उन्हें रोजाना तकरीबन 50 खत मिल रहे हैं।में उन्हें अब तक 1170 खत मिल चुके हैं और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। अब तो आलम यह है कि, अगर किसी दिन 20- 25 के आंकड़ों में खत मिले तो पोस्टमैन भी खुश होकर कहता है कि, आज कम है सर।

असल में गौर ने इसी साल 25 फरवरी महीने में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) से आरटीआई के तहत देशभर के कुल टैक्स बकायेदारों का हिसाब मांगा, जिसके बदले में उन्हें अब तक 1170 जवाब मिल चुके हैं। यह सिलसिला अभी भी थमा नहीं है हालांकि अभी तक उन्हें अपने सवाल का पूरी तरह जवाब नहीं मिल पाया है। उन्होंने अपनी अर्जी में खास तौर पर लिखा था, ‘यह ऑनलाइन रिक्वेस्ट है, इसलिए जवाब आप मेरे ईमेल पर भेजा जाए और डिजिटल कम्युनिकेशन को समर्थन करें।

गौर की गुहार को नजरअंदाज कर एक साथ सूचना उपलब्ध कराए जाने के बजाय, सीबीडीटी ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में उनकी अर्जी भेज दी। उन्होंने अपने वार्ड लेवल के कार्यालयों में भेजी और अब सभी व्यक्तिगत रूप से जवाब भेज रहे हैं। चंद्रशेखर ने बताया कि, उन्हें एक दिन में करीब 50 लेटर मिलते हैं। सबसे ज्यादा एक दिन में 90 जवाबों का रेकॉर्ड है। जिस दिन मुझे 20 लेटर मिलते हैं उस दिन पोस्टमैन खुश होकर कहता है, आज कम है सर।’ इतने सारे बंडल में लेटर को रोज आता देख पड़ोसी भी हैरान हो जाते हैं।’ शनिवार तक चंद्रशेखर को 1148 जवाब मिले थे। इसके बाद सोमवार को उनके पास 22 जवाब और आए जिसके आधार पर अब तक उनके पास 1170 जवाब है और यह अभी भी जारी है।