मुंबई : पुणेसमाचार ऑनलाइन – IPS Rashmi Shukla | फोन टैपिंग मामले में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ दर्ज दोनों एफआईआर रद्द कर दी है. एक केस पुणे में जबकि दूसरा मुंबई के कुलाबा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते राज्य गुप्तचर विभाग की प्रमुख होने के नाते विरोधी नेताओं का फोन कॉल्स गैरकानूनी रुप से रिकॉर्ड करने का यह मामला है.(IPS Rashmi Shukla)
राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार के सत्ता में आने के बाद अवैध फोन टैपिंग मामले में आईपीएस रश्मि शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पुणे में कांग्रेस नेता नाना पटोले का कॉल रिकॉर्ड करने के मामले में जबकि मुंबई में संजय राऊत और एकनाथ खडसे का फोन रिकॉर्ड करने के मामले में केस दर्ज किया गया था. पुणे मामले में शिकायतकर्ता ने क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी. जबकि दूसरी तरफ कुलाबा मामले में रश्मि शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से राज्य सरकार ने इंकार कर दिया था.(IPS Rashmi Shukla)
Bombay High Court has quashed two FIRs registered against IPS officer Rashmi Shukla for allegedly tapping phones of politicians. #BombayHighCourt #RashmiShukla pic.twitter.com/REnLX8yD8l
— Bar & Bench (@barandbench) September 8, 2023
एसआईडी की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला ने मुंबई उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की थी. महाराष्ट्र पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में अनियमितता का खुलासा करने के लिए रश्मि शुक्ला द्वारा तैयार की गई गोपनीय रिपोर्ट के खुलासे से जुड़े संबंधित राजनीतिक नेता -पुलिस संबंध के विवादित मामले पर इससे पूर्व मेट्रोपॉलिटन मॅजिस्ट्रेट कोर्ट ने पर्दा डाल दिया था.
रश्मि शुक्ला राज्य गुप्तचर विभाग की आयुक्त थी, उस वक्त उन्होंने अगस्त 2020 में एक रिपोर्ट तैयार किया था. इस रिपोर्ट में उन्होंने बड़े राजनेताओं, तत्कालीन गृहमंत्री और ‘दादा’ के रुप में पहचाने जाने वाले दूसरे एक व्यक्ति का नाम और छह आईपीएस अधिकारियों और 23 राज्य सेवा पुलिस अधिकारी का उल्लेख रिपोर्ट में किया था. शुक्ला की रिपोर्ट में कुछ निजी लोगों के नाम भी थे. जिन्होंने पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर के लिए मध्यस्थ के तौर पर काम किया था. पैसे और दो राजनीतिक नेताओं की पहुंच का इस्तेमाल कर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इच्छित पोस्टिंग दिलाने का जिक्र रिपोर्ट में किया गया था.
23 मार्च 2021 को देवेंद्र फडणवीस द्वारा किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ डॉक्यमेंट्स पेश किए थे. उस वक्त उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर और नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. फडणवीस ने इन आरोपों की पुष्टि के लिए रश्मि शुक्ला द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का हवाला दिया था. उन्होंने ऐसा दावा कि राज्य सरकार ने शुक्ला की रिपोर्ट पर कारवाई नहीं की. इस वजह से रिपोर्ट वाली पेन ड्राईव और सभी सबूत केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपने की बात कही थी. इसके तीन दिन बाद यानी 26 मार्च 2021 को रिपोर्ट लीक हो गई. इसे लेकर मुंबई साइबर सेल ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एसआईडी के सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज किया था.