पवना बाँध से ज्यादा पानी लेने पर सिंचाई विभाग ने लगाईं रोक 

पिंपरी मनपा को भेजा खत, कहा 440 एमएलडी से ज्यादा पानी न लें

पिंपरी। संवाददाता – वापसी की बारिश के अभाव में पवना बाँध में जलसंचय कम होने से पिंपरी चिंचवड़ शहर पर लगातार पानी कटौती का खतरा मंडरा रहा है। भले ही सत्तादल भाजपा के दबाव के चलते पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त ने कटौती जैसा कटु फैसला टाल दिया हो, मगर यह संकट कायम रहा है। इन हालातों में माना रहा था कि दीवाली के बाद कटौती फैसला संभव है। हालांकि फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ हो, मगर सिंचाई विभाग ने थोड़ी सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इस कड़ी में सिंचाई विभाग ने मनपा को खत भेजकर मंजूर कोटे से ज्यादा पानी लेने पर रोक लगा दी है।

इस साल बरसात के मौसम में वापसी की बारिश न होने से पिंपरी चिंचवड़ शहर की प्यास बुझानेवाले पवना बाँध में पानी का स्तर कम हो गया है। बाँध में फिलहाल अगले साल की जुलाई तक पर्याप्त साबित हो इतना ही पानी संचय बचा है। ऐसे में यह जरुरी हो गया है कि पिंपरी चिंचवड़ मनपा भी पानी का इस्तेमाल सोच- समझकर करे। नहर समिति की बैठक में तय किये गए अनुसार मनपा पवना बाँध से जितना मंजूर है उतना ही यानी 440 एमएलडी पानी ही लें। ऐसा सिंचाई विभाग द्वारा मनपा आयुक्त श्रावण हार्डीकर को भेजे गए खत में कहा गया है।

पिंपरी चिंचवड़ मनपा को राज्य  सरकार ने पवना बाँध से सालाना 4.84 टीएमसी पानी का कोटा मंजूर किया है। हालांकि मनपा द्वारा रोजाना 480 से 500  एमएलडी पानी ले रही है और पूरे शहर में उसकी आपूर्ति कर रही है। रावेत बंधान में काफी मलबा जमा है इसके चलते पानी का स्तर थोड़ा भी कम हुआ तो मनपा के पंप बंद पद जाते है  और शहर की जलापूर्ति पर उसका विपरीत असर होता है। पवना बाँध से रावेत बंधान तक का अंतर 40 किमी है। बाँध से पानी छोड़ने के बाद उसे रावेत  पहुँचने में 14 घंटे का समय बीतता है। रावेत बंधान में पानी स्तर रखने के लिए ज्यादा पानी छोड़ना पड़ता है। इन तमाम हालातों में पिंपरी मनपा पवना बाँध से मंजूर कोटे से ज्यादा पानी ले रही है। बाँध में पानी का कम होते स्तर को गंभीरता लेते हुए मनपा को 440 एमएलडी से ज्यादा पानी  रोक लगाने का फैसला सिंचाई विभाग ने किया है।