शहर के औद्योगिक विकास में उत्तर भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान

छठ पूजा के अवसर पर मोशी के इंद्रायणी घाट पर गंगा आरती के दौरान महापौर राहुल जाधव ने कहा
पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – पिंपरी-चिंचवड़ शहर का नाम देश के मानचित्र में मिनी इंडिया के रूप में लिया जाता है।शहर के औद्योगिक विकास में उत्तर भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान है। उद्योगों और व्यवसाय के लिए पिछले 40-50 वर्षों से देश के विभिन्न प्रांतों से नागरिक यहां आकर स्थानीय बन गए।
महाराष्ट्र के विभिन्न त्यौहारों, उत्सवों में भाग लेकर उत्तर भारतीय अपनी संस्कृति का जतन करते हुए यहां की मिट्टी में रच-बस गए हैं।अपने परिवार, समाज, देश के विकास की मनोकामना पूरी करने के लिए उत्तर भारत की महिलाएं लगातार 48 घंटे भूखी-प्यासी रहकर सूर्य की उपासना करते हुए छठ पूजा करती हैं।यह उत्सव राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।यह विचार पिंपरी-चिंचवड़ के महापौर राहुल जाधव ने व्यक्‍त किए।
छठ पूजा के अवसर पर विश्‍व श्रीराम सेना द्वारा मोशी के इंद्रायणी नदी घाट पर मंगलवार और बुधवार को भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया।मंगलवार की शाम आयोजित उत्सव में सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल, विधायक महेश लांडगे, पूर्व विधायक विलास लांडे, श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष लालबाबू गुप्ता, पूर्व उपमहापौर शरद बोर्हाडे, पूर्व नगरसेवक संजय वाबले, धनंजय अल्हाट, शिवसेना के पुणे जिला प्रमुख राम गावड़े आदि सहित सैकड़ों उत्तर भारतीय उपस्थित थे।इस दौरान सुरेश चव्हाणके को राष्ट्रनिर्माण पुरस्कार और श्यामजी महाराज को हिंदू भूषण पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर लालबाबू गुप्ता ने कहा कि वाराणसी (काशी) में गंगा के घाट पर जिस तरह से गंगा की आरती की जाती है उसी तरह से मोशी के इंद्रायणी नदी घाट पर पिछले वर्ष की तरह वाराणसी (काशी) के पंडितों के हाथों भव्य गंगा आरती की गई। सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाला यह व्रत है।प्राचीन काल से इसके पीछे सामाजिक धारणाएं जुड़ी हुई हैं।पृथ्वी और समाज में एकरुपता का प्रतीक यह पर्व आस्था, प्रेम, विश्‍वास, त्याग और पर्यावरण के प्रति समर्पण की भावना से जुड़ा है।सूर्य षष्ठी को सूर्यास्त के मुहूर्त पर सूर्य देवता को हजारों महिलाओं ने अर्घ्य दिया। सभी उत्तर भारतीय परिवार की महिलाएं जल, जमीन और जंगल की रक्षा के लिए छठ पूजा करती हैं।
नदी किनारे आकर पृथ्वी के प्रति प्रेम भावना से समर्पित होकर दिवाली के छठे दिन सूर्य की उपासना व पूजा करते हैं। मानव के जीवन में प्रकृति व नदी के महत्व को ध्यान में रखते हुए नदी घाटों पर श्रद्धापूर्वक पूजा की जाती है।महिलाएं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इन दिनों निर्जला व्रत कर दूसरे दिन की सुबह सूर्योदय से पहले घाट में परिवार के साथ पहुंचती हैं।सूर्य के उदय होते ही गंगा जल, दूध, नदी के पानी से छठ पूजा के लिए सूर्य मुख करके खड़ी छठव्रती द्वारा अर्घ्य दिया जाता है।इसके बाद सभी छठव्रती को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद प्रसाद का वितरण होता है।
इस दौरान महापौर राहुल जाधव, प्रमोद गुप्ता, अकरम शेख, श्यामबाबू गुप्ता, सुनील सिंह, मुन्ना सिंह, रोहित प्रसाद, विनोद गुप्ता, धनंजय गुप्ता, शेखर किरण गायकवाड़, पृथ्वी प्रसाद, सत्यम गुप्ता, विकास गुप्ता, रोहिदास कराटे, राधेश्याम गौतम आदि उपस्थित थे।सूत्र संचालन संदीप साकोरे और प्रमोद गुप्ता ने आभार प्रकट किया।