क्या एमआर टीकाकरण बन रहा है बच्चों की मौत की वजह?

अहमदाबाद/समाचार ऑनलाइन

गुजरात में अज्ञात कारणों से दो बच्चों की मौत के पीछे खसरा-रूबेला (एमआर) टीकाकरण को वजह बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने जांच शुरू कर दी है कि क्या वास्तव में इन मौतों का संबंध चलाये जा रहे टीकाकरण अभियान से है। हालांकि इस बात की पुष्टि तो नहीं हुई है लेकिन इस टीकाकरण अभियान को लेकर संदेह की स्थिति जरूर पैदा हो गई है।

मृत बच्चे डिंपल माहेश्वरी और मुकेश निनमा के परिजनों ने आरोप लगाया है कि एमआर टीकाकरण के चलते ही उनके बच्चों की मौत हुई। वहीं, स्वास्थ्य अधिकारी आरोपों को झूठा बता रहे हैं। उनका कहना है कि मौत का टीकाकरण में कोई संबंध नहीं है।

क्या है अभियान?

एमआर टीकाकरण अभियान का पहला चरण पांच राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप तथा पुडुचेरी में सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस अभि यान का उद्देश्य खसरा के प्रभाव को कम करना है ताकि बीमारी पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके। अभियान के दौरान 9 महीने से 15 वर्ष तक के बच्चों को एमआर टीके लगाए जाते हैं। अभियान के तहत 41 करोड़ बच्चों को टीके लगाये जाने हैं।[amazon_link asins=’B07BQRV4PJ,B077PWMH85,B06XF78GJ2,B0777F1LSZ’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’5d6e1a19-9020-11e8-8a2c-85ab37ca91fd’]