प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जैन समुदाय ने की अपील, सम्मेतशिखरदी तीर्थ की शांति को नहीं करें भंग

पुणे | समाचार ऑनलाइन – पुणे का बड़ा व्यापारी वर्ग और जैन समुदाय बड़े पैमाने पर आज सड़कों पर उतरा, पुणे के जैन समाज का विराट मूक मोर्चा निकाला गया था। यह विराट मूक मोर्चा पुणे के सेवन लवज चौक स्थित ओसवाल बंधु समाज हॉल में विराट मूक मोर्चा निकाला। जिसमें जैन समुदाय के व्यापारी वर्ग से लेकर युवा वर्ग बड़े पैमाने में शामिल थे। इस मोर्चा में महिलाओं ने बड़ी तादाद में हिस्सा लेकर झारखंड में स्थित सम्मेतशिखरदी तीर्थ पर बनाए जानेवाले पर्यटन स्थल का विरोध किया।

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झारखंड सरकार द्वारा जैन धर्म के 20-तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि (मोक्षभूमि) यानी सम्मेतशिखरदी तीर्थ पर्यटन स्थल बनाना चाहती है। जिसके विरोध में जैन समाज के साधु, साध्वी ने भी झारखंड सरकार से अपील की वह इस पर्वत भूमि को पर्यटन स्थल बनाकर अपवित्र नहीं करें। हमेशा से जैन समाज से अहिंसा को प्रोत्साहन दिया है, पर्यटन स्थल बनने से हिंसा का वातावरण निर्माण होगा। इस विराट मूक मोर्चा में 5000 से ज्यादा जैन समुदाय के लोग उपस्थित हुए थे।

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पुणे के जैन समाज के श्वेताम्बर, स्थानकवासी, दिगंबर और तेरापंथी चारों संप्रदाओं के सभी परिवार के सदस्य इस मोर्चा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हुए थे। इस दौरान परम पूज्य आचार्य श्रीमद् विजय युगभूषणसूरीश्वरजी ने सम्मेतशिखरजी को जब तक होल वर्शीप का दर्जा देने की सरकार से अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि शिखरजी पर्वत को पूजा उपासना के स्थल के रूप मे मान्यता दें और शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित न करें।

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यह विराट मूक मोर्चा ओसवाल बंधु समाज हॉल से निकलकर कलेक्टर ऑफिस तक निकाला गया। वहां पर कलेक्टर को जैन समुदाय द्वारा परम पूज्य आचार्य श्रीमद् विजय युगभूषणसूरीश्वरजी ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।