जीएसटी की सालगिरह पर जेटली ने दिए स्लैब घटाकर राहत देने के संकेत

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिये कि, जीएसटी के चलते टैक्स टैक्स कलेक्शन में इजाफा होने के चलते अब सरकार स्लैब में और कमी करके जनता को राहत दे सकती है। जीएसटी की सालगिरह पर उन्होंने कहा कि, इस टैक्स के अमल में आने के बाद टैक्स कलेक्शन में तो इजाफा हुआ ही है, इसके अलावा जरूरी चीजों पर कम टैक्स से जनता को भी राहत मिली है।

जीएसटी का एक साल पूरा होने के मौके पर जेटली ने कहा कि, इससे देश में अप्रत्यक्ष करों की जटिलता खत्म हुई है। अडवांस टैक्स पेमेंट के चलते ग्रॉस इनकम में इजाफा हुआ है। जीएसटी की वजह से भारत संगठित बाजार बना है और यह मोदी सरकार के बड़े फैसलों में से एक है। पिछले साल जुलाई में हमने देश के सबसे टैक्स जटिल सिस्टम को खत्म कर दिया था। तब 13 मल्टिपल टैक्स और 5 मल्टिपल रिटर्न की व्यवस्था थी। टैक्स पर टैक्स लगता था। हर राज्य के अपने अलग रेट थे और उसके अनुसार रिटर्न फाइल करना होता था। देश के संघीय ढांचे को ध्यान में रखते हुए यह टैक्स तैयार किया गया।

उन्होंने कहा कि जीएसटी को लाने से पहले हमने हर राज्य से सलाह मशवरा किया। जीएसटी काउंसिल का गठन भी इस तरह से किया गया है कि देश के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व उसमें हो। यह काफी आसान टैक्स प्रणाली है जिसके तहत आप सिर्फ एक ही बार टैक्स भरते हैं। एक ही रिटर्न फाइल करते हैं। देशभर में तमाम चेक पोस्ट्स खत्म हो गए हैं और जटिलता खत्म हुई है। हम बिना रेट को बढ़ाए और यहां तक कि घटाने के बाद भी रेवेन्यू में इजाफा करने में सक्षम हुए हैं। जीएसटी आने के चलते पिछली अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की तुलना में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। टैक्स का कलेक्शन बढ़ा है, इसलिए रेट्स में कमी करने और उनके रैशनलाइज करने की क्षमता में इजाफा हुआ है।