जेट एयरवेज की वित्तीय हालत ठीक नहीं, कॉस्ट कटिंग के लिए करेगी छंटनी

मुंबई। समाचार ऑनलाइन
भारतीय विमानन कंपनी जेट एयरवेज की वित्तीय हालत कुछ ठीक नहीं है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि अगर कॉस्ट कटिंग नहीं की गई तो, कंपनी के लिए 60 दिन के बाद ऑपरेट करना नामुमिकन होगा। लागत कम करने के उपायों में कर्मचारियों की सैलरी घटाने की बात की गई है।चेयरमैन नरेश गोयल सहित कंपनी की मैनेजमेंट टीम ने कमर्चारियों को बताया है कि एयरलाइन की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। लागत कम करने के उपाय तुरंत करने होंगे।
 
2018 में 767 करोड़ का घाटा हुआ
2016 और 2017 तक लगातार दो साल के मुनाफे के बाद वित्त वर्ष 2018 में जेट को 767 करोड़ का घाटा हुआ है। कंपनी के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक कंपनी को दो महीने के बाद चलाना मुमकीन नहीं है और मैनेजमेंट को सैलरी कटिंग और दूसरे उपायों से खर्चे घटाने की जरूरत है। अगर ऐसा किया गया तभी 60 दिनों के बाद इसका कामकाज जारी रखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हम इस बात से चिंतित हैं कि कंपनी ने इतने सालों के दौरान हमें कभी भी इसकी जानकारी नहीं दी।
[amazon_link asins=’B079Y5RW5S,B019XSHB7O’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’d1fadef1-9705-11e8-a164-7b5665dbbf9c’]
कर्मचारियों की छंटनी शुरू
कंपनी ने अपने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों से हुई है। इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट में दिल्ली के लिए हेड ऑफ लाइन से छुट्टी पर जाने को कहा गया है। केबिन क्रू और ग्राउंड हैंडलिंग डिपार्टमेंट से छंटनी शुरू होगी। जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल की अगुवाई में एयरलाइन की मैनेजमेंट टीम ने मुंबई में कर्मचारियों से मुलाकात कर उन्हें बताया कि सैलरी में कटौती दो साल के लिए होगी और इसे रिफंड नहीं किया जाएगा।
एयरलाइन ने अपने फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए सात साल या 1 करोड़ के बॉन्ड को भी खत्म कर दिया है। साथ ही कमांडर सहित पायलटों के लिए नौकरी छोड़ने से पहले सालभर के नोटिस की अनिवार्यता भी वापस ले ली है।