‘कारवां’ जिंदगी की एक यात्रा जिसमें दिखेंगे कई रंग

मुंबई। समाचार ऑनलाइन
निर्देशक आकर्ष खुराना की फिल्म ‘कारवां’ सिल्वर स्क्रीन पर जिंदगी की एक ऐसी यात्रा है जिसमें कई रंग देखने को मिलेंगे। यूं देखें तो बॉलीवुड में दोस्तों की ट्रिप पर बहुत सी फिल्में बन चुकी हैं लेकिन फिर भी आकर्ष खुराना के निर्देशन में बनी कारवां अलग लगती है।
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फिल्म में बेंगलुरु से कोच्चि की यात्रा दिखाई गई है।अविनाश राजपुरोहित (दुलकर सलमान) को जिंदगी से थोड़ी शिकायत है वो इस बात की कि जिंदगी में वो जो करना चाहता है उसे करने का मौका नहीं मिला।इन सबके लिए वो अपने पिता को जिम्मेदार मानता है जिनकी वजह से उसे फोटोग्राफी छोड़कर आईटी सेक्टर में नौकरी लेनी पड़ी। अचानक अविनाश के पिता की मौत हो जाती है। अविनाश और उसका दोस्त शौकत (इरफान) बेंगलुरु से कोच्चि आते हैं और इस यात्रा के दौरान उन्हें अपनी जिंदगी के बारे में सोचने का टाइम मिलता है। इसी कारवां के बीच वो अपने आप को ढूंढ पाते हैं। हां इसी सफर में इन दोनों की मुलाकात तान्या से भी होती है।
तीनों ही कलाकार अपने अपने रोल में पूरी तरह से फिट बैठे हैं। इरफान खान तो अभिनय में माहिर हैं ही दुलकर सलमान भी अपने रोल में बेहद सहज नजर आए हैं। तान्या के रोल में मिथिला पालकर ने कॉलेज लड़की की भूमिका को अच्छी तरह से अंजाम दिया है। कृति खरबंदा का स्पेशल रोल भी अच्छा है।
निर्देशक आकर्ष खुराना इसके कुछ महीने पहले ही  हाईजैक का निर्देशन कर चुके है। हाईजैक देखने के बाद वो इस तरह की फिल्म बनाएंगे इसकी कल्पना शायद किसी को नहीं थी। कारवां की कहानी शायद वैसी उतार-चढ़ाव वाली नहीं है जैसी आप उम्मीद कर रहे हों लेकिन कारवां आपको अपनी खुद की जिंदगी के बारे में एक पल के लिए सोचने पर मजबूर करेगी, इस फिल्म की जहीन बातों में गहराई है और सबसे बड़ी बात यह ऐसी एक कहानी है जो आपको कुछ दिनों तक याद रहेगी।