कश्मीर:सीजफायर खत्म होते ही सेना ने ढेर किए 4 आतंकी

श्रीनगर। समाचार एजेंसी

जम्मू-कश्मीर में रमजान के बाद एकतरफा संघर्ष विराम खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के अगले दिन ही सेना का आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू हो गया। सोमवार को बांदीपोरा के जंगलों में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया। वहीं दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक अज्ञात बंदूकधारी ने 45 साल के एक शख्स को गोली मार दी।

केंद्र सरकार ने रमजान के दौरान एकतरफा सीजफायर का फैसला लिया था। लेकिन सरकार के इस फैसले के दौरान आतंकियों ने कई लोगों की जान ली और हमले किए। केंद्र के फैसले के दिन से ही सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑल आउट की शुरुआत कर दी। बीते 14 जून को भी सेना ने इसी एनकाउंटर में दो आतंकवादियों को ढेर किया था। मुठभेड़ में 1 जवान भी शहीद हुआ था। बताया जा रहा है कि बांदीपुरा के जंगलों में लश्कर आतंकियों का एक समूह छिपा हुआ है।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने राज्य में एकतरफा संघर्ष विराम खत्म होने के बाद कहा कि, हमारे लिए आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सभी एक जैसे हैं। हम उनसे सख्ती से निपटेंगे। हम उनके खात्मे के लिए पूरे जोर-शोर से जुटे हैं।

गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने 16 मई को जम्मू-कश्मीर में एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की थी। ऐसा राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के रमजान के महीने में विशेष आग्रह पर किया गया था। रमजान के दौरान सीजफायर लागू रहने पर घाटी में आतंकवाद की घटनाओं में तेजी आई थी। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद केंद्र सरकार ने रविवार को अपने इस आदेश को वापस ले लिया और सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के खिलाफ फिर से ऑपरेशन चलाने की इजाजत दे दी।

सीजफायर के दौरान आतंकी घटनाओं में 100 फीसदी वृद्धि

– गृह मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़ों के मुताबिक रमजान के समय युद्धविराम से कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुईं।

– युद्धविराम की घोषणा से पहले 19 अप्रैल से 16 मई तक 25 आतंकवादी मामले सामने आए लेकिन घोषणा के बाद, 17 मई और 13 जून के बीच 66 मामलों की सूचना मिली।

– रमजान के दौरान 62 हमले आतंकियों ने किए जबकि सुरक्षा बलों ने छह मामलों में करवाई की। 

– 22 ग्रेनेड हमले हुए वहीं आतंकवादियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी के 23 मामले दर्ज किए गए।

नागरिकों पर भी हमले बढ़े
– रमजान के 28 दिनों के दौरान नागरिकों पर हमलों के सात मामले दर्ज किए गए थे। युद्धविराम से 28 दिन पहले, यह आंकड़ा केवल छः था।

युद्धविराम के दौरान कुछ प्रमुख आतंकी हमले

– 19 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले, कुपवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।

– 28 मई को, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों ने सैन्य शिविर पर हमला किया, हमले में एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई।

– पुलवामा जिले में 11 जून को सीआरपीएफ शिविर में एक ग्रेनेड फेंक दिया गया। हमले में 10 अर्धसैनिक घायल हो गए थे।

 
– 14 जून को आतंकियों ने सेना के एक जवान औरंगजेब को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी।

ऑपरेशन ऑल आउट
–  2016 में कश्मीर में आतंकी बुरहान की मौत के बाद पैदा हुए कानून व्यवस्था के संकट के दौरान जिस तरह से स्थानीय और विदेशी आतंकियों ने अपना नेटवर्क मजबूत बनाते हुए नई भर्ती शुरू की थी, उसे देखते हुए सेना, राज्य पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद आतंकियों की नकेल कसने का निर्देश दिया था।