बीमारी जानें बिना दवा लिखना आपराधिक लापरवाही: हाईकोर्ट  

मुंबई | समाचार ऑनलाइन

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि बिना जांच के मरीजों को दवा लिखना आपराधिक लापरवाही जैसा है। अदालत ने महिला मरीज की मौत से जुड़े के मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इसके साथ ही न्यायमूर्ति साधना जाधव ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दंपति दीपा और संजीव पावस्कर की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

रत्नागिरि पुलिस ने डॉक्टर दंपति पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस के मुताबिक महिला को इस साल फरवरी में रत्नागिरि में आरोपियों के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर उसकी सिजेरियन डिलीवरी हुई थी।

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इसके दो दिन बाद महिला को छुट्टी दे दी गई। अगले दिन जब महिला बीमार हुई तो उसके रिश्तेदार ने दीपा पावस्कर को इस बारे में बताया। इस पर डॉक्टर ने उनसे कहा कि किसी मेडिकल स्टोर पर जाकर दुकानदार से बात कराएं। हालांकि दवा लेने के बाद महिला की हालत ठीक नहीं हुई और फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। दीपा और संजीव पावस्कर महिला को भर्ती कराते समय अस्पताल में नहीं थे।

महिला की स्थिति लगातार बिगड़ने के बाद उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों ने पीड़िता के परिजन को सूचित किया कि पावस्कर की ओर से लापरवाही बरती गई है। इसके बाद उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।