पंकजा मुंडे के पोस्टरों से कमल गायब ! कल के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें…

समाचार ऑनलाइन – महाराष्ट्र में महाविकास के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद भाजपा के बीच आंतरिक कलह तेज हो गया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पार्टी नेतृत्व पर सीधा हमला किया, जबकि पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले, प्रकाश मेहता और पुणे के पूर्व विधायक मेधा कुलकर्णी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

इस बीच हाल में सबसे अधिक चर्चा इस बात की हो रही है कि पंकज मुंडे, गोपीनाथ गढ़ में आयोजित रैली में वें क्या बड़ा फैसला ले सकती है. खबर है कि पंकजा भाजपा छोड़ सकती है. जारी इन कयासों के बीच खुद पंकजा मुंडे ने कहा है कि, “आपने इतने दिनों तक इंतजार किया, तो एक ओर दिन रुक जाएं.”

स्व. गोपीनाथ मुंडे की जयंती के अवसर पर कल (12 दिसंबर) पंकजा मुंडे अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगी। यह रैली गोपीनाथ गढ़ में होगी और उसी दिन पराली में स्वाभिमान दिवस मनाया जाएगा। रैली की तैयारियां अभी चल रही है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि रैली के पोस्टरों से कमल का निशान गायब है.

गोपीनाथ गढ़ में होने वाली रैली सिर्फ एक दिन बचा है. इसी के चलते पूरे पराली में पोस्टर लगना शुरू हो गए हैं. रैली के पोस्टरों से भाजपा और कमल की तस्वीर गायब है। पंकजा के पोस्टरों पर बीजेपी का नाम या कमल का निशान नहीं है। यहां तक कि मेले में भाजपा के झंडे भी नहीं लगाए गए हैं। तो क्या पंकजा मुंडे वाकई कोई अलग रास्ता चुनेंगी? ऐसा सवाल उठाया जा रहा है।

कल गोपीनाथ मुंडे की जयंती है। इस जयंती के अवसर पर, पंकजा मुंडे ने सभी कार्यकर्ताओं को गोपीनाथ गढ़ बुलाया है साथ ही “स्वाभिमान दिवस” का नारा देते हुए कोई महत्वपूर्ण फैसला सुनाने का इशारा दिया था.

मैं 12 दिसंबर को आपके सामने आउंगी…

बता दें कि पंकजा मुंडे ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि, 8-10 दिन मुझे खुद से बातचीत करने का समय चाहिए. फिर देखते हैं आगे क्या करना है? कौन से मार्ग पर जाना है? अपने लोगों को क्या दे सकते हैं? अपनी क्या शक्ति है? लोगों की अपेक्षा क्या है? इन सभी बातों पर अच्छी तरह से विचार करने के बाद मैं 12 दिसंबर को आपके सामने आउंगी.