महाराष्ट्र बंद का राज्यभर में यह दिखा असर

पुणे | समाचार ऑनलाइन

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर औरंगाबाद में काकासाहेब शिंदे नामक २८ वर्षीय युवक ने जलसमाधि लेने के बाद मराठा क्रांति मोर्चा ने मंगलवार को महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है. राजयभर में मराठा आरक्षण के आंदोलन की तीव्रता बढ़ गई है. पंढरपुर की यात्रा से लौट रहे वारकरियों के वापसी की यात्रा में कोई बाधा न पहुंचे इसके लिए इस बंद से मुंबई, पुणे, सातारा, सोलापुर को दूर रखा गया है. आज सुबह से ही महाराष्ट्र के अलग अलग हिस्सों में बंद का असर दिखाई देने लगा है. पुणे जिले के दौंड तालुका में बंद का मिला जुला असर रहा. यहां के वरवंद और यवत गाँव बंद रहे. पुणे-सोलापुर हाइवे पर पाटस गांव में भी मिला जुला असर देखा गया. केडगांव, पारगांव, दौंड शहर में बंद का कोई असर नहीं रहा.

मराठा आरक्षण के लिए जलसमाधि लेने वाले काकासाहेब शिंदे नामक के परिवार के लिए १० लाख रुपए की सरकारी मदद, उसके भाई को शैक्षिक योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में शामिल करने की घोषणा औरंगाबाद के जिलाधिकारी ने की है. इसके बाद मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा गंगापुर पुलिस थाने के समक्ष जारी आंदोलन वापस लिया गया है. हांलाकि महाराष्ट्र बंद के दौरान राज्य में जगह- जगह आंदोलन शुरू है. औरंगाबाद- पुणे महामार्ग पर आंदोलकों ने रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया है. नवी मुंबई के कामोठे में आंदोलकों ने रस्ते पर टायर जलाये हैं. सोलापुर- तुलजापुर रोड पर पर्ल गार्डन के सामने एसटी की दो बसों पर पथराव किये जाने की खबर है. हिंगोली जिले में बंद का खासा असर नजर आया है. यहां आंदोलकों ने काकासाहेब शिंदे को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद आंदोलन की शुरुवात की है. आज सुबह से यहां के एसटी डिपो से एक भी बस नहीं छोड़ी गई है. जिले के तकरीबन सभी बाजार बंद हैं. स्कूलों और कॉलेजों को छुट्टी दी गई है.

लातूर जिले में भी बंद का अच्छा असर नजर आया है. यहाँ भी स्कूलों और कॉलेजों व कोचिंग क्लासों को छुट्टी दी गई है. एसटी बसें बंद रखी गई हैं, जिले के सभी बाजार बंद हैं. मराठा क्रांति मोर्चा के युवक मोटरसाइकिलों पर घूम घूम कर बंद का आह्वान कर रहे हैं. औरंगाबाद के गंगाखेड़, जहां कल मराठा आंदोलन को हिंसक मोड़ मिला आज यहां और समूचे जिले में बंद का व्यापक असर रहा. गंगाखेड़ से कोई एसटी बस नहीं छोड़ी गयी, यहां से सोनपेठ, नासिक, पुणे, लातूर, मालेगांव, अहमदपुर, बोर्डा, औरंगाबाद जानेवाली बसें डिपो में ही खड़ी हैं. पाथरी डिपो से भी कोई बस नहीं छोड़ी गई हैं. यात्रियों को निजी वाहनों के विकल्प चुनने के अलावा कोई चारा न रह गया है. नांदेड़ मार्ग पर रास्ता रोको आंदोलन से चुडावा गांव बंद रहा. औरंगाबाद छावनी इलाके के इंग्लिश स्कूलों को छुट्टी दी गई है. सुबह स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों को घर भेज दिया गया. औरंगपुर में भी स्कुल बंद रहे. कई स्कूलों में स्कुल बसें बहार निकाली ही नहीं गई. अभिभावकों को स्कुल के व्हाट्सएप्प ग्रुप पर ही इसके मैसेज भेजे गए थे.