जीएसटी लागू होने के बाद महाराष्ट्र सरकार के राजस्व में 28% बढ़ोतरी

मुंबई। समाचार ऑनलाइन

जीएसटी याने गुड्स सेल्स टैक्स के क्रियान्वयन के एक साल के दौरान महाराष्ट्र की राजस्व वसूली में 28 फीसदी की वृद्घि दर्ज हुई है। इससे उत्साहित होकर राज्य सरकार ने राज्य के अंदर ई-वे बिल की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है।साथ ही पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में इस साल कर राजस्व में 39 फीसदी की बढ़ोतरी होने का दावा भी कर दिया है।

पिछले साल की 1 जुलाई को देशभर में नई कर व्यवस्था जीएसटी लागू की गई। साल भर जीएसटी में बदलाव का दौर लगातार चलता रहा है। इसके बावजूद जीएसटी कर संकलन के मामले में फायदेमंद साबित हुई है। हालांकि यह बढ़ोतरी मामूली थी लेकिन सरकार को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.10 लाख करोड़ रुपये रहेगा। राजस्व वसूली के मामले में महाराष्ट्र अव्वल रहा।

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महाराष्ट्र के वित्त मंंत्री सुधीर मुनगंटीवार के मुताबिक जीएसटी लागू होने से पहले राज्य में पंजीकृत करदाताओं की संख्या 7 लाख 79 हजार 288 थी। जीएसटी लागू होने के बाद करदाताओं की संख्या दोगुनी हो गई। जीएसटी के तहत कर अदा करने वालों की संख्या बढ़कर 14 लाख 45 हजार 574 पहुंच गई। वर्ष 2016-17 में 90524.19 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई जो 2017-18 में बढ़कर 1,15,940.23 करोड़ रुपये हो गई। यानी महाराष्ट्र की तिजोरी में जमा होने वाले राजस्व में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

राज्य के वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि, सालाना तिमाही के अनुसार इस बार कर राजस्व में 39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र में ई-वे बिल के तहत सबसे अधिक करदाताओं ने पंजीकरण कराया गया है। इसका फायदा सरकार को मिलने वाली आय में होगा। महाराष्ट्र में ई-वे बिल के तहत 2,65,237 पंजीकृत करदाता हो चुके हैं जो देश में किसी भी राज्य की अपेक्षा सबसे अधिक हैं। महाराष्ट्र में 31 मई से ई-वे बिल लागू किया गया है जबकि गुजरात में 15 अप्रैल से ई-वे बिल लागू हुआ था।