महेंद्र सिंह धोनी मेरे रोल मॉडल : अंडर 19 क्रिकेट टीम कप्तान

पुणे | समाचार ऑनलाइन
पुणे के लिए यह काफी गर्व की बात है कि अंडर 19 क्रिकेट में क्रिकेट के रुप में पुणे के पवन शाह का चयन किया गया है। पिछले आठ सालों से पवन क्रिकेट खेलते आए हैं। पुणे समाचार के विशेष संवाद कार्यक्रम में क्रिकेटर पवन शाह और उनके कोच विजय पाटिल उपस्थित थे। पुणे समाचार के स्टूडियो में खास मुलाकात के दौरान पवन शाह और उनके कोच से दिलस्चप बातचीत की गई।
पवन शाह ने कहा कि मुझे बचपन से क्रिकेट खेलना पसंद था, मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं, क्रिकेट को लेकर मेरी दिलस्चपी को ध्यान में रखते हुए मेरे पापा ने मुझे क्रिकेट एकडमी में एडमिशन करवाया। क्रिकेट सिलेक्शन के लिए मेरा ऑडिशन लिया गया था, क्रिकेट में सिलेक्शन होने के बाद मेरी मुलाकात मेरे कोच मोहन जाधव और फिटनेस ट्रेनर विजय पाटिल से मुलाकात हुई। तब से मैं इन दोनों से जुड़ा हुआ हूं। दोनों से मैं काफी करीब हूं। मैंने क्रिकेट को लेकर काफी छोटी-छोटी बातें सीखी हैं, जब कभी क्रिकेट खेलते समय मैं निराश हुआ हूं तो मुझे काफी सपोर्ट मिला है। आज मैं जो कुछ भी हूँ इन दोनों की वजह से हूं।
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महेंद्र सिंह धोनी मेरे रोल मॉडल : अंडर 19 क्रिकेट टीम के कैप्टन पवन शाह

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श्रीलंका में अंडर 19 में मैच खेलने के दौरान मैंने दोहरा शतक बनाने के रिकॉर्ड के बारे में सोचा नहीं था। पहले दिन तो मैं बिना कोई रन बनाए आऊट हो गया था। दूसरे दिन मैंने एक ही बात सोची थी कि मैं प्रेशर में बिल्कुल नहीं खेलूंगा, बस मुझे अच्छा क्रिकेट खेलना है, यह सोच कर ही मैं क्रिकेट मैदान में उतारा था। बस एक बात मेरे दिमाग में मैंने रखी थी कि आज मुझे नॉट आऊट होना है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मैं खेलता गया, रन बनते गए और रिकॉर्ड बन गया।
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श्रीलंका के साथ मैच खेलने के दौरान मेरी मुलाकात पूर्व क्रिकेटर चामंडा वास से हुई। उन्होंने मुझे क्रिकेट खेलने के लिए कुछ गुण सिखाएं। जो मेरे लिए काफी अच्छा अनुभव रहा। श्रीलंका की टीम भी काफी अच्छी थे, उन्होंने हमारा काफी अच्छे से ख्याल रखा। मुझे बार बार सभी बोल रहे थे कि तूने काफी अच्छा खेला। श्रीलंका के साथ मैच खेलकर मुझे काफी कुछ सीखने को मिला और मैंने उनके साथ काफी एन्जॉय किया।
क्रिकेट मैच खेलने के दौरान काफी “अप एण्ड डाऊन”आते हैं, ऐसे समय में हमें बिल्कुल भी निराश नहीं होना चाहिए। अपने आप पर पूरा भरोसा रखना चाहिए, अपनी स्किल को जानना चाहिए। अगर एक मैच में हम अच्छा नहीं खेलते हैं तो हमें अपने स्किल को रिकॉल करना चाहिए, फिर से अच्छा खेलने की हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए।
पहले मैं बल्लेबाज के रुप में खेलता था तो अपने परफॉर्मस और टीम को कैसे जीतना है, इस बात पर ध्यान देता था। पर आज जब मैं टीम का कैप्टन हो गया हूं तो मुझे टीम को साथ मे कैसे लेकर चलना है इस बात पर ध्यान देना है, हर खिलाड़ी को प्रोत्साहित करते रहना ही मेरी जिम्मेदारी है। क्रिकेट में हार जीत तो लगी रहती है, पर सबसे महत्तवपूर्ण बात यह है कि हम अच्छा खेले।
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पवन के फिटेनस ट्रेनर विजय पाटिल ने बातचीत के दौरान बताया कि पवन 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा है। बचपन में पवन को जब गणपति बाप्पा बोलते थे। पवन ने जब एकडमी ज्वाइन किया तो कोच मोहन जाधव ने कहा कि क्रिकेट से पहले पवन के फिटनेस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मुझे मोहन सर ने डेड लाइन दी थी कि पवन का वजन तीन महीने में कम होना चाहिए।
मैंने उसके फिटनेस पर काफी ध्यान दिया और काफी वर्क आऊट करवाया। आज पवन इतना तैयार हो गया है कि एक सीरिज खेल के आने के बाद भी थकान महसूस नहीं कर रहा है। पहले पवन थोड़ा देर मैच खेलकर थक जाता था। हमने उस समय पवन का सिक्स प्लेट वर्क आऊट करवाया था, जबकि इतने छोटे बच्चे का सिक्स प्लेट वर्क आऊट नहीं किया जाता है। आज वहीं वर्क आऊट की वजह से पवन पूरी तरह से तैयार हो गया है। पवन को जो पहले गणपति बाप्पा कहते थे और हनुमान कहते हैं।
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पवन के फिटनेस को लेकर हमने काफी ध्यान रखा है, कभी कभी वह काफी परेशान हो जाता था। हमने ऐसे समय में उसे काफी प्रोत्साहित किया है। हम छोटे छोटे ब्रेक लिया करते थे और उसका मूड फ्रेश रखने के लिए हम दूसरे गेम खेला करते थे। हम कुश्ती और बॉक्सिंग खेला करते थे। हमने इस दौरान पवन के हाथ से काफी मार भी खायी  है।
पवन ने बताया कि मेरे रोल मॉडल एम.एस धोनी है, काफी ग्रेट खिलाड़ी और इंसान है। मैं उनको फोलो नहीं करता, पर उनको अपना आइडियल मानता हूं। मैं उनकी तरह बनना चाहता हूं और उनकी तरह खेलना चाहता हूं। अर्जुन तेंदुलकर मेरा काफी अच्छा दोस्त है, अर्जुन को यह घमंड बिल्कुल नहीं है कि वह सचिन तेंदुलकर का बेटा है। अर्जुन तेंदूलकर का स्वभाव काफी अच्छा है, सबके साथ काफी हिलमिल जाता है, मुझसे मिलने अर्जुन तेंदुलकर पुणे भी आया था।