महिंद्रा बाहा एसएई इंडिया – 2020 के 13 वें एडिशन की हुई शुरुआत

पुणे : समाचार ऑनलाइन – ऑटोमोटिव इंजीनियर्स एसएई इंडिया ने महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के सहयोग से आज बाहा एसएईइंडिया सीरीज के 13 वें संस्करण की शुरुआत की घोषणा की। इस प्रतियोगिता का फिनाले 23 से 26 जनवरी, 2020 को इंदौर के पास पीथमपुर में एनएटीआरआईपी ;छ।ज्त्प्च्द्ध फेसिलिटी में आयोजित किया जाएगा।  जिसके बाद इसे चंडीगढ़ के पास चितकारा यूनिवर्सिटी में 6 से 8 मार्च, 2020 को आयोजन किया जाएगा। इसकी जानकारी कल पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गयी।

जानकारी के मुताबिक, बाहा एसएईइंडिया के लिए देशभर के 486 एसएईइंडिया कॉलेजिएट क्लबों से 282 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से वर्चुअल राउंड के जरिये 200 टीमों को कन्वेंशनल एम-बाहा के लिए और 53 टीमों को ई-बाहा के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। चार दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में बाहा एसएईइंडिया स्पर्धा में छात्रों को एकल-सीट वाले चार-पहिया ऑल-टेरेन व्हीकल (एटीवी) को डिजाइन, निर्माण और परीक्षण करने का अवसर मिलता है। इस कार्यक्रम में तकनीकी निरीक्षण, डिजाइन, लागत और बिक्री प्रस्तुति के अवसर के साथ-साथ डायनेमिक इवेंट्स जैसे एक्सेलरेशन, स्लेज पुल, सस्पेंशन एंड ट्रैक्शन और गतिशीलता में भी शामिल होेने का मौका मिलता है। इसके बाद 4 घंटे का एंड्योरेंस इवेंट होता है।

हर साल अपनाया जाता है नया थीम –
बाहा एसएई इंडिया प्रतियोगिता की एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसमें हर साल एक नई थीम को अपनाया जाता है। इस साल, बाहा-2020 की थीम ‘ब्रेकिंग कन्वेंशन्स‘ है, जो सभी चुनौतीपूर्ण परंपराओं को सेलिब्रेट करने की बाहा की थीम के अनुरूप है जैसे ई-बाहा या ऑल-गल्र्स टीम ।

बाहा एसएई इंडिया का मकसद –
इंडियन मोबिलिटी इंडस्ट्री आज कुछ चुनौतियों का सामना कर रही है। बाहा एसएईइंडिया का मकसद हमारे देश के उभरते इंजीनियरों के लिए इन चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित करना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। वे डिजाइन और निष्पादन, और विचारों में पारंपरिक सोच की दीवार को तोड़ सकते हैं और गौरवशाली नवोन्मेषक बन सकते हैं जो इंडियन मोबिलिटी के भविष्य का नेतृत्व कर सकते हैं।

2015 में हुई ई-बाहा श्रृंखला की शुरुआत –
बाहा एसएईइंडिया ने भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की शुरुआत का लाभ उठाने के लिए 2015 में ई-बाहा श्रृंखला की शुरुआत की। पारंपरिक बाहा वाहन 10 एचपी ब्रिग्स और स्ट्रैटन गैसोलीन इंजन पर चलते हैं, जो सभी बाहा टीमों के लिए आम है, जबकि ई-बाहा वाहन 6 किलोवाट पीक इलेक्ट्रिक पावर के साथ इलेक्ट्रिक मोटर पर चलेंगे और एक रिचार्जेबल लिथियम आयन बैटरी पैक द्वारा संचालित होंगे। यहां, छात्र मोटर, नियंत्रक और बैटरी को सोर्स करने और अपनी स्वयं की बैटरी प्रबंधन प्रणाली को डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस वर्ष, हमने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग क्षेत्र से अधिक छात्रों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।

बाहा एसएईइंडिया 2020 के लिए, पुणे के 25 कॉलेज महाराष्ट्र की उन 66 प्रविष्टियों में से हैं जिन्होंने फिनाले के लिए क्वालीफाई किया है। बाजा एसएईइंडिया श्रृंखला के पिछले कुछ संस्करणों के लिए, महाराष्ट्र से अधिकतम प्रविष्टियां पुणे शहर से हुई हैं। पुणे के कॉलेजों ने पिछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक पुरस्कार जीते हैं। बाहा फिनाले के लिए, देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रविष्टियों को जुलाई 2019 में पंजाब के चितकारा विश्वविद्यालय में आयोजित वर्चुअल राउंड में प्रदर्शित किया गया था, जहाँ उन्होंने ‘डिजाइन्स फाॅर द बाहा बग्गी व्हीकल‘ के लिए अपने डिजाइन प्रस्तुत किए थे, जिन्हें वे अंतिम कार्यक्रम के लिए डिजाइन करना चाहते थे।

क्वालिफाइंग टीमों को उनके सीएडी डिजाइन, सीएई विश्लेषण और रोल केज, सस्पेंशन, स्टीयरिंग और ब्रेक के डिजाइन के साथ-साथ उनके रूल बुक सेशन्स और उन्हें दिए गए एक्सटेम्पोर विषयों पर मूल्यांकन के साथ गहन विश्लेषण के माध्यम से चुना गया था। वर्चुअल बाहा में प्रस्तुत प्रविष्टियाँ प्रतिरूप के तौर पर पेश की गई थीं, जिनका निर्माण प्रतिभागियों द्वारा सटीक विनिर्देशों के साथ किया जाएगा। अंतिम दौर की टीमें अपनी बग्गी रेस कार का निर्माण करते हुए ऑटोमोबाइल के लिए अपने कौशल, समझ और जुनून का प्रदर्शन करेंगी।

एस बलराज ने कहा –
इस अवसर पर बाहा एसएईइंडिया-2020 के संयोजक श्री एस बलराज ने कहा कि ‘बाहा एसएई इंडिया जैसी प्रतियोगिताएं छात्रों को भविष्य के डिजाइन्स तैयार करने के लिए बहुत आवश्यक व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए मंच प्रदान करती हैं। मुझे उम्मीद है कि हर साल की तरह इस साल भी टीमें अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी।’

भारत में बाहा का इतिहास –
भारत में बाहा एसएईइंडिया (सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स) ने अपनी यात्रा की शुरुआत वर्ष 2007 में की थी और इसे डॉ. पवन गोयनका (एसएई इंडिया के प्रेसीडेंट के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान) के नेतृत्व और डॉ के.सी. वोरा के संयोजकत्व में लॉन्च किया गया था। आज एसएई इंडिया इस पैमाने के एक मेगा-इवेंट को आयोजित करने की ऊंचाई पर पहुंच गया है और इसके तुरंत बाद एनएटीआरआईपी आगे आया और उसने पीथमपुर, इंदौर में स्थित अपने एनएटीआरएएक्स के निर्धारित क्षेत्र के माध्यम से मदद करने की पहल की। इसी तरह 2018 में रूपनगर में बाहा एसएईइंडिया का दूसरा संस्करण आयोजित करने के लिए आईआईटी रोपड ने आगे बढकर पहल की।

बता दें कि एसएईइंडिया इंजीनियरिंग एजुकेशन बोर्ड और बाहा कोर टीम जल्द ही बाहा के तीसरे संस्करण का एलान करेगी। यह इवेंट दक्षिण भारत के किसी एक इंजीनियरिंग शहर में आयोजित किया जाएगा और इस तरह बाहा की यात्रा दक्षिण भारत के विद्यार्थी समुदाय के और करीब जाने का प्रयास करेगी।

 

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