सचिन वाझे के सामने ही हुई मनसुख हिरेन की हत्या

मुंबई: जिस समय ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या की गई, उस समय सचिन वाझे घटनास्थल पर मौजूद थे, यह जानकारी आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की जांच में सामने आई। मनसुख की हत्या होने का दावा एटीएस ने किया था और एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने कहा था कि जांच अपने अंतिम चरण में थी। एटीएस अधिकारियों को संदेह है कि मनसुख का मोबाइल और सिम कार्ड को बड़ी चालाकी से वाझे ने ठिकाने लगा दिया।

एनआईए के पास जांच की जिम्मेदारी जाने से पहले एटीएस द्वारा जुटाए गए पुख्ता सबूतों के आधार पर हत्या से पहले मनसुख को बेहोश किया गया था।  उसके बाद सांस रोककर उनकी हत्या की गई। वाझे पास में ही एक कार में बैठा था, यह सब देख रहा था। एटीएस ने घटना के समय मोबाइल की लोकेशन चेक की और इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाए। एटीएस सूत्रों के मुताबिक मनसुख के चेहरे पर बंधे पांच रूमालों में क्लोरोफॉर्म डाला गया था। सांस रोककर मारने के बाद भी आरोपी को मनसुख की मौत को लेकर संदेह था। इसलिए उन्होंने उसे नाले में फेंक दिया।

बार में छापेमारी का नाटक

मनसुख की हत्या करीब रात के 10 बजे की गई। उसके बाद  वाझे रात के 11 बजे के आसपास मुंबई आए। उन्होंने आधी रात के बाद डोंगरी के टिप्सी बार पर छापा मारने का नाटक किया। यह सब सच लगे इसके लिए पुलिस थाने की डायरी में इसे दर्ज किया। वाझे के छापे के साक्ष्य टिप्सी बार के सीसीटीवी में मिले।

स्थान बदलने के लिए चली चाल

मनसुख के पास एक मोबाइल और दो सिम कार्ड थे। एटीएस अधिकारियों ने दोनों नंबरों की सीडीआर निकाली। हत्या के बाद का अंतिम लोकेशन वसई दिखे इसके लिए मोबाइल को कुछ समय के लिए चालू किया गया और फिर उसका निपटारा करने की जानकारी जांच में सामने आई।