ठाणे, 3 दिसंबर
राज्य का ठाणे जिला सबसे अधिक विधायक देने वाला राज्य है। पालघर जिला अलग होने के बावजूद राजनीतिक दृष्टि से वह भाग अभी भी ठाणे जिले में आता है. कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री और पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर ठाणे जिले के व्यक्ति रहते रहे है। राज्य में सत्ता का समीकरण बदल सकता है, इतनी राजनीतिक ताकत ठाणे जिले में है। ठाणे जिले की चर्चा गली से लेकर दिल्ली तक जारी है क्योंकि ठाणे में केंद्रीय जांच एजेंसियों के छापे का दौड़ जांरी है।
शिवसेना विधायक और थाने जिले के फेमस उधोगपति प्रताप सरनाईक के घर और दफ्तर पर ईडी छापेमारी की और एक साधरण रिक्शा वाला इतना बड़ा कैसे बन गया इसकी चर्चा केवल ठाणे में ही नहीं बल्कि राज्य भर में हो रही है।
मुंबई ईडी के मुंबई कार्यालय से 5 टीम अचानक आये बाहर
मिली जानकारी के अनुसार ईडी की 5 टीमें ठाणे की दिशा में रवाना हुई थी. लेकिन ये पांच टीमें कहा गई ? किसके घर पर छापा मारा ? छापा मारने के पीछे क्या कारण था ? इन सभी बातों को ईडी ने गुप्त रखा है। लेकिन कहा जा रहा है कि ईडी के रडार पर ठाणे के शिवसेना का और एक बड़ा नेता है। जिनके खासमखास माने जाने वाले के घर पर ईडी ने छापा मारा है। लेकिन इस व्यक्ति के घर और कार्यालय से क्या मिला है यह जानकारी ईडी ने अब तक नहीं दी है। लेकिन इस उधोगपति के घर पर ईडी की छापेमारी के बाद शिवसैनिकों में खलबली मच गई है। लेकिन शिवसेना का यह बड़ा नेता कौन है ? इसकी राज्य भर में चर्चा हो रही है. संभावना है कि आने वाले दिनों में महाविकास आघाडी और शिवसेना के कई नेता ईडी के रडार पर होंगे।
दूसरी तरफ ईडी की छापेमारी और मीडिया में शुरू खबरों को लेकर विहंग सरनाईक की पत्नी डॉ. अनाहिता सरनाईक को मानसिक आघात लगा है । उन्हें चक्कर आने, उल्टियां, जुलाब और कमजोरी की शिकायत के बाद ठाणे के जुपिटर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इन दो वजहों से प्रताप सरनाईक ने विहंग और खुद के लिए ईडी से एक सप्ताह का समय मांगा था। लेकिन ईडी ने उन्हें 2 दिसंबर तक का समय दिया था। आज प्रताप सरनाईक को ईडी की पूछताछ में हाज़िर रहना है। जबकि विहंग सरनाईक 4 बार ईडी के सामने पूछताछ के लिए नहीं गए है।