मराठा आंदोलन: जलसमाधि मामले में तहसीलदार और पुलिस निरीक्षक निलंबित

मृत युवक के परिवार को १० लाख की मदद घोषित

औरंगाबाद/ पुणे समाचार ऑनलाइन

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर औरंगाबाद में काकासाहेब शिंदे नामक २८ वर्षीय युवक ने जलसमाधि ले ली। इस युवक की मौत के बाद मराठा क्रांति मोर्चा ने मंगलवार को महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है। उसके परिवार को सरकारी सहायता, दोषी तहसीलदार और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने के साथ ही तुलजापुर व परली मे आंदोलन की तीव्रता जानकार भी कोई उपाय न किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग भी की गई है। इस मांग को लेकर आंदोलकों ने सोमवार को औरंगाबाद में गंगापुर पुलिस थाने के समक्ष बैठक मारकर आंदोलन शुरू किया है।

आंदोलकों के आक्रोश को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने गंगापुर के तहसीलदार चंद्रकांत शेलके और पुलिस निरीक्षक सुनील बिरला को तत्काल निलंबित किए जाने की घोषणा की। मराठा आरक्षण के लिए जलसमाधि लेने वाले २८ वर्षीय कानदगांव के निवासी काकासाहेब शिंदे नामक के परिवार के लिए १० लाख रुपए की सरकारी मदद देने की घोषणा भी उन्होंने की। इसके साथ ही शिंदे के भाई को शैक्षिक योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में शामिल करने का आश्वासन भी दिया गया. उनसे लिखित आश्वासन मिलने के बाद मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा गंगापुर पुलिस थाने के समक्ष जारी आंदोलन वापस लिया गया है।

औरंगाबाद काकासाहेब शिंदे नामक युवक द्वारा जलसमाधि लेने के बाद मराठा क्रांति मोर्चा ने आज मुंबई, पुणे, सातारा, सोलापुर छोड़ महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है। हांलाकि पंढरपुर की यात्रा से लौट रहे वारकरियों के वापसी की यात्रा में कोई बढ़ा न पहुंचे, इसके लिए आंदोलकों द्वारा उनके वाहनों व एसटी की बसों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की गई है। महाराष्ट्र बंद के दौरान राज्य में जगह जगह आंदोलन शुरू है। औरंगाबाद- पुणे महामार्ग पर आंदोलकों ने रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया है। नवी मुंबई के कामोठे में आंदोलकों ने रस्ते पर टायर जलाये हैं. सोलापुर- तुलजापुर रोड पर पर्ल गार्डन के सामने एसटी की दो बसों पर पथराव किये जाने की खबर है।