मराठा आरक्षण: अब लातुर में शिक्षक ने लगाई फांसी

लातुर। समाचार ऑनलाइन
मराठा आरक्षण के लिए आत्महत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब लातुर जिला के माटेफल में एक शिक्षक ने अपने खेत मे फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। रमेश ज्ञानोब पाटिल नामक इस शिक्षक का सुसाइड नोट पुलिस को मिल गया है। इसमें लिखा है कि, लड़की एमएससी में पूरे यूनिवर्सिटी में द्वितीय आयी। दूसरी लड़की इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुकी है। लड़के की भी पढ़ाई पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है।
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पाटील निवली की एक शैक्षिक संस्था में शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। उन्हें दो बेटियां और एक एक बेटा है। एक बेटी एमएससी दूसरी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुकी है। बेटा भी ग्रैजुएशन के बाद स्पर्धा परीक्षा की तैयारी कर रहा है। पाटिल के 10 एकड़ खेत पर बैंकों का सवा तीन लाख रुपए का कर्ज है। कर्ज का भुगतान नहीं हो पा रहा, न बच्चों को नौकरी मिल पा रही है। आरक्षण नही रहने से उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। ऐसा सुसाइड नोट में लिखने के बाद उन्होंने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पंचनामा कर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि रमेश पाटिल ने अपने बच्चों की पढ़ाई पर काफी खर्च किया। इसके बाद भो उन्हें नौकरी नहीं मिल सकी। मराठा समुदाय को आरक्षण देने में टालमटोल की जा रही है। अपने बच्चों का आगे क्या होगा? यह सवाल उन्हें भीतर ही भीतर खाये जा रहा था। उसके चलते वे काफी तनाव, चिंता और निराशा में थे। इसी निराशा के चलते उन्होंने खुदकुशी जैसा कड़ा कदम उठाया। उच्च शिक्षित बच्चों को को नौकरी नही मिल रही। मेरी तनख्वाह कम की ममग भी उन्होंने की।