मायावती ने भाई आनंद को बसपा उपाध्यक्ष व भतीजे आकाश को बनाया नेशनल को-ऑर्डिनेटर

लखनऊ : समाचार ऑनलाईन – परिवारवाद का लंबे समय तक विरोध करने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आज पार्टी की बैठक में बड़ा फैसला कर दिया। मायावती ने आज बसपा की अखिल भारतीय बैठक में भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भतीजे आकाश आनंद को नेशनल को-आर्डिनेटर नियुक्त किया है। बसपा मुखिया मायावती अक्सर को खुद को परिवारवाद से दूर बताती रही है।

राजनीति में लंबे समय से परिवारवाद का विरोध करने वाली मायावती ने आज परिपाटी को बदल दिया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाई और भतीजे को अहम जिम्मेदारी दी है। उन्होंने भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। इस बड़ी बैठक में बसपा में बड़े संगठनात्मक बदलाव की घोषण की । पार्टी में दो नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए्। मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल को-आर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी।

लोकसभा चुनाव 2019 के बाद आज लखनऊ में पहली बार अखिल भारतीय स्तर की बैठक में मायावती ने पार्टी से सभी जिम्मेदार नेताओं, पदाधिकारियों और जोन इंचार्जों के साथ बैठक की। मायावती ने इन सभी को विभिन्न राज्यों में अगले साल तक होने वाले विधानसभा चुनावों व जनाधार बढ़ाने के बारे में जरूरी दिशानिर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने है। इनमें बसपा बिना किसी गठबंधन के मैदान में उतर रही है। बसपा पहली बार विधानसभा उप चुनाव में उतरेगी।

दानिश अली होंगे लोकसभा में बसपा के नेता
बसपा सुप्रीमो की ओर से बुलाई गई बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता दानिश अली को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाने का फैसला लिया गया। जनता दल सेक्युलर से बसपा में शामिल हुए दानिश अली को पार्टी ने अमरोहा से प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने भाजपा के सांसद कंवर सिंह तंवर को हराकर चुनाव जीता था।
मायावती पार्टी के देश भर के जिम्मेदार नेताओं के साथ बैठक के बाद अलग-अलग राज्यों के नेताओं के साथ बैठक करेंगी।

मोबाइल फोन व अन्य सामान बाहर जमा
बसपा प्रमुख मायावती की मीटिंग हाल में प्रवेश से पहले नेताओ को मोबाइल, बैग, पेन, कार की चाबी सहित अपना सामान बाहर ही जमा करना पड़ा। इस तरह की बैठक में पहली बार ऐसा हो रहा है कि हर नेता का मोबाइल फोन के साथ गाड़ी की चाभी को भी बैठक हाल के बाहर जमा कराया जा रहा है। इतना ही नहीं किसी को पेन भी अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है। बैठक में पार्टी के साधारण कार्यकर्ता से लेकर सांसदों तक को भी मीटिंग में जाने से पहले अपना मोबाइल, बैग यहां तक की गाड़ी की चाबी भी बाहर ही जमा करवाने के आदेश दिए गए्। हद उस समय हो गई जब महिलाओं के आभूषण और पुरुषों के जूते-चप्पल यहां तक की ताबीज भी उतरवा लिए गए्। इसके लिए खास काउंटर भी बनाया गया, जहां पर यह सभी सामान जमा करवाना है। बीएसपी की इस बैठक में नेताओं के मोबाइल और बैग तो काउंटर पर जमा करा लिए गए, साथ ही कार्यकर्ताओं की घड़ियां भी उतरवा ली गईं। महिला कार्यकर्ताओं को भी किसी भी तरह का आभूषण पहन कर बैठक में जाने की इजाजत नहीं थी। कई कार्यकर्ताओं के ताबीज की भी जांच की गई।