‘भाऊ’ के समर्थन में उतरे सभागृह नेता को महापौर ने चेताया!

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन
सत्ता परिवर्तन के बाद से सभागृह में हर बार कोई न कोई नया मामला सामने आता रहा है, जिससे कि सर्व साधारण सभा कई दिन तक चर्चा में रही है। ऐसा ही एक नया मामला बीती रात को पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सर्व साधारण सभा में सामने आया। सभागृह में भाषण के दौरान कोई मुद्दे से अलग बहने लगने पर उसे रोकने की भूमिका महापौर और सभागृह नेता निभाते आये हैं। मगर कल की सभा में ऐसे एक मुद्दे पर सभागृह नेता को ही बार- बार चेताने की नौबत महापौर पर आई।
इस सभा में अवैध निर्माणों के मसले पर जारी सवाल-जवाब के सत्र में जैसा कि तय माना जा रहा था, विपक्ष की ओर से सत्तादल भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप को निशाना बनाये जाने लगा। उनको निशाना बनाया जाता देख उनके समर्थक नगरसेवकों ने कमान संभालने की कोशिश की। एक के बाद एक जगताप समर्थक को जगताप के बचाव की भूमिका में आता देख सभागृह नेता एकनाथ पवार भी आवेश में आ गए। उनको मुद्दे से फिसलता देख महापौर नितिन कालजे ने हमेशा की तरह अपना संयम खो दिया और पवार को ‘मुद्दे पर बोलने’ को लेकर एक-दो नहीं आठ से नौ बार चेताया।
शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने अवैध निर्माणों के मसले पर सभागृह में सवाल उठाए थे। इस पर बहस छिड़ते ही विपक्षी दल आक्रामक हो उठे। अवैध निर्माणों के नियमितीकरण और शास्तिकर माफी के मुद्दे पर सत्तादल को घेरने की शुरुआत हुई। तकरीबन सभी का निशाना भाजपा और विधायक लक्ष्मण जगताप थे। विपक्ष की चर्चा में जगताप द्वारा नियमितीकरण के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस और विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से लेकर दोनों मसलों को हल करने का दावा करते हुए बांटी गई मिठाई, पटाखों की आतिशबाजी, होर्डिंग्स के जरिए विज्ञापनबाजी तक के मुद्दे पर फब्तियां कसी गई।
यही नहीं हालिया चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र के आठ गांवों में नए कंस्ट्रक्शन को पानी न देने के फैसले को लेकर भी जगताप को निशाना बनाया गया। विपक्ष की ओर से विधायक जगताप पर चहुंओर से हमला होता देख उनके समर्थकों ने बचाव की कमान संभाल ली। इसी बीच बचाव की कमान थामते हुए सभागृह नेता एकनाथ पवार ने न केवल विधायक जगताप की तब और अब की भूमिकाओं का समर्थन किया बल्कि विधायकी से इस्तीफा देने की भूमिका को त्याग बताकर उसकी महत्ता भी बताई। उनके लंबे होते जा रहे भाषण के दौरान महापौर नितिन कालजे ने न केवल पवार को टोका बल्कि उन्हें मुद्दे पर ही बोलने को लेकर आठ से नौ बार चेताया भी। मनपा सभागृह के इतिहास में महापौर द्वारा सभागृह नेता को ही चेताये जाने का यह पहला ही मौका होगा।