ग्रामीण एसपी संदीप पाटिल का संदेश: गुलदस्ता नहीं, किताब लेकर आएं

पुणे | समाचार ऑनलाइन

पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) का पदभार संभालने वाले संदीप पाटिल बाकी अधिकारियों से जुदा हैं। जहां अन्य अफसरों के चेहरे पर गुलदस्ता देखकर मुस्कान आ जाती है, वहीं पाटिल को किताबें देखकर खुशी मिलती है। बुधवार को पाटिल ने उनसे मिलने आने वाले लोगों के लिए एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘जो कोई भी मुझसे मिलने आये, वो फूल आदि न लाये। अगर कुछ लाना ही है तो किताबें लेकर आये, ताकि उन्हें गढ़चिरौली के छात्रों को भेजा जा सके’।

संदीप पाटिल नक्सल प्रभावित क्षेत्र गढ़चिरौली में भी सेवाएं दे चुके हैं। सतारा जिले में पदस्थापना से पहले पाटिल वहीं तैनात थे। गढ़चिरौली में रहने के दौरान 39 वर्षीय पाटिल ने नक्सल विरोधी अभियानों में हिस्सा लिया, इसके अलावा वो ‘अग्निपंख’ योजना के अंतर्गत छात्रों और युवाओं को शिक्षित करने के मिशन से भी जुड़े हुए हैं। पाटिल ने नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को शिक्षित किया और उनके अभियानों की बदौलत नक्सली हिंसा में जवान और आम नागरिकों के हताहत होने के मामलों में भी कमी आई।

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संदीप पाटिल ने कहा कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता है जिले में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की रक्षा करना और महिलाओं में यह अहसास जगाना है कि वो सुरक्षित हैं। उन्होंने आगे कहा कि  हम कानून-व्यवस्था में सुधार लाएंगे और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे।

गौरतलब है कि गृह विभाग द्वारा 27 जुलाई को पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी किये गए थे। इसके तहत पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सुवेज हक का तबादला कर उन्हें मुंबई में एंटी-टेररिज्म स्क्वायड (एटीएस) का उपमहानिरीक्षक नियुक्त किया गया। वहीं, सतारा जिले के एसपी के तौर पर सेवा दे रहे संदीप पाटिल को पुणे ग्रामीण एसपी का कार्यभार सौंपा गया था।