#MeToo : सिम्बॉयोसिस के संचालक सख्ती की छुट्टी पर

पुणे । समाचार ऑनलाइन – पुणे के सिम्बायॉसिस सेंटर फॉर मीडिया एण्ड कम्युनिकेशन (एससीएमसी) इस संस्था में मीटू का विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। तकरीबन 100 से अधिक पूर्व-वर्तमान छात्राओं ने संस्था के संचालक अनुपम सिद्धार्थ को पद से हटाने की कार्रवाई करने की मांग की है। जिस पर सिम्बायॉसिस अंतरराष्ट्रीय विद्यापीठ प्रशासन ने जांच शुरू की है। उन्हें सख्ती की छुट्टी पर भेज दिया गया है।

मीटू मुहिम के जरिए संस्था की करीबन 10 छात्राओं ने सोशल मीडिया के जरिए यौन शोषण साथ ही उनके साथ हुए बुरा बर्ताव को सामने लाया था। उसके बाद विद्यापीठ के अंतर्गत जांच समिति गठित कर जांच शुरु की। लेकिन अश्लील बर्ताव साथ ही मानसिक प्रताड़ना के शिकार हुए अनेक विद्यार्थियों ने इस बारे में शिकायत की है। करीबन 100 से अधिक विद्यार्थियों ने संस्था के शैक्षणिक व प्रशासन विभाग के अधिष्ठता डॉ. भामा वेंकटरमणी के पास अनुपम सिद्धार्थ के बारे में ईमेल द्वारा शिकायत की है। संस्था के बंगलूरु स्थित परिसर में एक यौन शोषण की घटना का जिक्र शिकायत में की गई है। शनिवार दिन भर में विद्यापीठ अंतर्गत जांच समिती अनुपम सिद्धार्थ की जांच शुरु थी।

सिंबायॉसिस अंतरराष्ट्रीय विद्यापीठ की प्रधान संचालिक डॉ. विद्या येरवडेकर ने बताया कि छात्राओं द्वारा शिकायत प्राप्त हुए हैं। जिसपर विद्यापीठ अंतर्गत जांच समिती की ओर से शनिवार को अनुपम सिद्धार्थ को लेकर शिकायत पर जांच शुरु थी। इस समिती की प्राथमिक रिपोर्ट विद्यापीठ के कुलगुरु को प्राप्त हुआ है। जिसपर कुलगुरु ने उन्हें पूर्ण जांच होने तक छुट्टी पर भेज दिया है। इस मामले में अनुपम सिद्धार्थ ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है।

अनुपम सिद्धार्थ ने विद्यार्थियों के पोशाक, सौंदर्य और उनके शरीर को लेकर हमेशा अनावश्यक टिप्पणी की थी। आज तूने लाल लिपस्टिक लगायी है, आज तू किसी को किस करनेवाली है। ऐसी टिप्पणी सिद्धार्थ हमेशा करते थे। ऐसी शिकायत भी छात्राओं ने की है। छोटी छोटी बातों पर लैप टॉप पांचवे मंजिला से फेंकने की धमकी देते थे। जिन छात्राओं का बैकलॉग रह जाता था उनके साथ अपमानजनक तरीके बर्ताव किया करते थे। ऐसा आरोप छात्राओं ने लगाया है।