महापौर पद ‘भोसरी’ में ही कायम रखने विधायक महेश लांडगे का माली कार्ड

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

तमाम सियासी घटनाक्रम के बाद महापौर नितीन कालजे और उपमहापौर शैलजा मोरे ने अपने इस्तीफे सौंप दिए। इसके बाद पिंपरी चिंचवड़ में महापौर पद को लेकर मनपा के सत्तादल भाजपा में होड़ मची है। सत्तादल के दोनों विधायक यह पद अपने निर्वाचन क्षेत्र में लेने को लेकर दौड़धूप कर रहे हैं। ऐसे में पूरे शहर को अगले महापौर को लेकर उत्सुकता है। इसी बीच यह पद अपने भोसरी निर्वाचन क्षेत्र में कायम रखने के लिए विधायक महेश लांडगे ने ‘माली कार्ड’ खेलकर पार्टी के दूसरे विधायक और शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप को मात देने की चाल चली है।

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शनिवार को माली समाज द्वारा आनन फानन में बुलाये गए संवाददाता सम्मेलन में पिंपरी चिंचवड़ के अगले महापौर पद पर माली के नगरसेवक को ही मौका देने की पुरजोर मांग की गई। यह मांग भले ही शहर के माली समाज की ओर से की गई हो लेकिन इसके पीछे भोसरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेश लांडगे की कारगुजारी साफ तौर पर नजर आ रही है। इसकी एक वजह संवाददाता सम्मेलन में माली समाज के नेतागण है, जिसमें ज्यादातर नेता भोसरी निर्वाचन क्षेत्र से हैं। दूसरी वजह भोसरी विधानसभा क्षेत्र में माली समाज के निर्णायक वोट हैं।

क्या है सही वजह

तीसरी बड़ी वजह भाजपा के खेमे से महापौर पद के लिए इच्छुकों में सर्वाधिक नगरसेवक इसी विधानसभा क्षेत्र से रहना है। इस पद के लिए जितने भी नगरसेवक इच्छुक हैं उनमें माली समाज के तीन नगरसेवक शामिल हैं और सबसे बड़ी बात ये तीनों भी भोसरी निर्वाचन क्षेत्र से हैं। आज के संवाददाता सम्मेलन में विधायक लांडगे की कारगुजारी शामिल रहने की खबर को हवा तब मिली जब इस संवाददाता सम्मेलन की खबर, फ़ोटो और प्रेस रिलीज विधायक लांडगे के ‘चैनल’ से भेजी और सोशल मीडिया पर वायरल की जाने लगी। गौरतलब हो कि महापौर पद के लिए भाजपा के खेमे से राहुल जाधव, संतोष लोंढे और वसंत बोराटे तीव्र इच्छुक हैं, ये तीनों भी माली समाज के और भोसरी विधानसभा क्षेत्र से हैं और सबसे बड़ी बात ये तीनों भी विधायक महेश लांडगे समर्थक हैं।

क्या की है मांग

बहरहाल आज इस संवाददाता सम्मेलन में ओबीसी प्रवर्ग के लिए आरक्षित पिंपरी चिंचवड़ के महापौर पद पर माली समाज को मौका देने की मांग की गई। इस मौके पर नगरसेविका अश्विनी जाधव, स्विनल म्हेत्रे, नम्रता लोंढे, पूर्व नगरसेवक अजय सायकर, सुनिल लोखंडे, स्विकृत प्रभाग सदस्य सागर हिंगणे, अजित बुर्डे, पूर्व सरपंच मंगलताई आल्हाट, पिंपरी चिंचवड माली महासंघ के आनंदा कुदले, कालूराम गायकवाड, ईश्वर कुदले, हनुमंत माली, अनिल सालुंखे, सुरेश गायकवाड, समता परिषद के मच्छिंद्र दरवडे, योगेश लोंढे, मारूती जांभुलकर, संजय ताम्हाणे, हणुमंत म्हेत्रे, महात्मा फुले जनसेवा मंडल के अजय जाधव, दशरथ डोके, रमेश गिरमे, विठ्ठल लडकत, अरविंद दरवडे, रामभाऊ दरवडे, राजाभाऊ भुजबल, रामहरी सायकर, पांडूरंग दर्शिले, शिवाजी बोराटे, प्रदिप आहेर, हिरामण बुर्डे, माणिक बुर्डे, ज्ञानेश्वर रासकर, संतोष जाधव, चंद्रकांत बुर्डे, आत्माराम माटे, सुहास ताम्हाणे, अरविंद दरवडे, उत्तम ताजणे, विनायक जाधव समेत माली समाज के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

क्या दिए हैं तर्क

ओबीसी प्रवर्ग हेतु आरक्षित महापौर पद पर मूल ओबीसी नगरसेवक को मौका देने के बाद भी कुणबी जाती प्रमाणपत्र पर नगरसेवक चुने गए विधायक महेश लांडगे समर्थक नितिन कालजे को मौका दिए जाने से ओबीसी समाज में नाराजगी है। इस पद पर अब तक माली समाज के नगरसेवक को मौका नहीं मिला है, हांलाकि अनिता फ़रांदे, अपर्णा डोके, डॉ वैशाली घोडेकर को महापौर बनाया जा चुका है। भाजपा को सत्ता दिलाने में माली समाज का योगदान अहम है। ऐसे कई तर्क देकर माली समाज के नेताओं ने अगले महापौर पद पर अपने समाज के नगरसेवक को मौका देने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे, पालकमंत्री गिरीश बापट, शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप, विधायक महेश लांडगे आदि से की है।