मोदी सरकार ने ईरान का 43 हजार करोड़ का कर्ज चुकाया!

क्या है इस वाइरल हो रहे मैसेज की हकीकत

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते ही सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिनमें से एक पोस्ट है मोदी सरकार ने ईरान का 43 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान कर दिया। पेट्रोल- डीजल के दाम बढ़ने के पीछे भी यही वजह रहने का दावा इस पोस्ट में किया जा रहा है। आइए जानते हैं कर्ज चुकाने का दावा करनेवाले इस पोस्ट की हकीकत क्या है?

पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर ईरान गए थे। कई अहम समझौते हुए.. दोनों देश के बीच मजबूत रिश्ते की कई तस्वीरें भी दिखाई दी। और अब इन तस्वीरों के बाद सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे ईरान को खुश किया। असल पूरी कहानी इस बात पर है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत कम होने के बावजूद जनता को इसका फायदा क्यों नहीं मिला था। वायरल मैसेज में लिखा है कि भारत की सरकार जनता को तेल का पूरा फायदा इसलिए नहीं दे पाई क्योंकि भारत पुराने तेल के कर्ज में डूबा देश है। ईरान से हम लगभग 5 लाख बैरल प्रतिदिन तेल लेते हैं उसका भारत पर करीब 6.50 बिलियन डॉलर यानि करीब 43 हजार करोड़ का उधार हो गया है। ये उधार 4 साल पहले से हुआ है जब भारत ईरान से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध के बाद तेल तो लेता था लेकिन रोक की वजह से उसे भुगतान नहीं कर पाता था।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपनी ईरान यात्रा से पहले पुराने तेल के एवज में जो उधार हुआ था उसकी पहली किश्त ईरान को चुका दी है। बीजेपी की एनर्जी सेल के अनुसार ईराऩ दौरे से पहले भारत ने कर्ज की एक किश्त चुकाई है और ये वो कर्ज है जो यूपीए सरकार के वक्त भारत पर हुआ था। पेट्रोलियम एक्सपर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार के सिर पर कर्ज आ गया है  तेल की कीमत कम होने के बावजूद कीमत कम नहीं हुई, इसकी वजह है ईरान से 4 साल पहले लिया गए तेल की रकम का भुगतान। यूपीए ने जो तेल खऱीदा था उसका सिर्फ 55 फीसदी भुगतान हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध की वजह से ईरान को भुगतान करना मुमकिन नहीं था। भारत पर सिर्फ 43 हजार करोड़ का कर्ज नहीं है क्योंकि चार साल पहले का कर्ज का भुगतान ईरान आज के यूरो के दाम के हिसाब से चाहता है।फिलहाल मोदी सरकार ने इस रकम का एक हिस्सा अदा किया है ताकि ईरान का कर्ज उतार सकें और भविष्य में सौदा भी हो सके। भले ही देशवासियों को फायदा ना मिला हो लेकिन दाम कम करके आर्थिक नीतियों से भारत कई मुश्किलों से बच रहा है। ईरान के साथ कर्ज का ये मामला इतना गंभीर हो गया था कि प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देना पड़ा था। भारत को ईरान का करीब 43 हजार करोड़ का कर्ज उतारना है जिसमें पहली किश्त के तौर पर भारत ने ईरान को करीब 5 हजार करोड़ रुपए चुकाए हैं।