मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, सस्ता होगा कर्ज लेना

मुंबई : समाचार ऑनलाईन –  मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जनता को अपनी तरफ से ङ्गअच्छे दिनफ का पहला तोहफा देते हुए रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की है। भारतीय रिजर्व बैंक गुरुवार को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया। शीर्ष बैंक ने रेपो दर में 0।25 प्रतिशत की कमी की है।  इसके अलावा रिजर्व बैंक ने एनईएफटी जैसे मनी ट्रांसफर सुविधा में अपनी तरफ से लगने वाले चार्ज में कटौती कर भी बड़ी राहत दी है। रिजर्व बैंक ने एटीएम निकासी पर लगने वाले फीस की भी समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है।

रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद आपको होम लोन, कार लोन समेत सभी तरह के लोन सस्ती दरों पर मिल सकते हैं, साथ ही पहले से चल रहे लोन पर भी ईएमआई कम होगी। रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरें घटाई है।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान 7।2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया। रेपो दर को 6 से घटाकर 5।75 प्रतिशत कर दिया गया है। रिजर्व बैंक ने विकास दर का अनुमान 0।2 फीसदी घटा दिया है।

छएऋढ और ठढॠड चार्ज खत्म 
शीर्ष बैंक ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए छएऋढ और ठढॠड लेन-देन पर लगने वाले शुल्क को हटाया और बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा। इस तरह अब ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर लगने वाला चार्ज पूरी तरह खत्म हो गया है। एटीएम चार्ज पर चर्चा के लिए एक अलग समिति भी बनाई गई है। यानी जून में लगातार तीसरी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है। इसका फायदा अगर पूरी तरह बैंकों ने ग्राहकों तक पहुंचाया तो इससे लोगों को होम लोन, ऑटो लोन आदि के ईएमआई में अच्छी राहत मिल सकती है।  हालांकि बैंक इसके बाद अपनी तरफ से ग्राहकों से चार्ज लेते हैं। इसका फायदा बैंक अपने ग्राहकों को देंगे और इस बारे में एक हफ्ते के भीतर निर्देश आ जाएगा।
लघु वित्त बैंकों के लिए ङ्गऑन टैपफ लाइसेंस की व्यवस्था

आरबीआई ने कहा है कि लघु वित्त बैंकों के पहले बैच का प्रयोग सफल रहने के बाद उन्हें ङ्गऑन टैपफ लाइसेंस देने की व्यवस्था की जाएगी और इस साल अगस्त तक इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। मऑन टैपफ लाइसेंस का मतलब है कि दिशा-निर्देशों में दी गयी अर्हता को पूरा करने वाली इकाइयों को आवेदन करने के बाद किसी अतिरिक्त मंजूरी के बिना लाइसेंस जारी किया जायेगा।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि लघु वित्तीय बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि उन्होंने प्राथमिक क्षेत्र का अपना लक्ष्य पूरा किया है और इस प्रकार वित्तीय समावेशन के अपने उद्देश्य को हासिल करने में सफल रहे हैं। इसलिए, छोटे ऋण की जरूरत वाले लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने और प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में ज्यादा बैंकों को होना चाहिए। इसके मद्देनजर अगस्त 2019 के अंत तक लघु वित्त बैंकों के लिए ङ्गऑन टैपफ लाइसेंस के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।

एटीएम चार्ज हटाने पर विचार के लिए कमिटी
देश में नकद निकासी के लिए एटीएम का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए मूल बैंक या अन्य बैंकों के एटीएम से नकद निकासी पर लगने वाले चार्ज को हटाने की मांग की जाती रही है। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने सभी पक्षों को शामिल कर एक कमिटी बनाने का निर्णय लिया है जो एटीएम के सभी चार्ज और फीस पर विचार करेगा। यह कमिटी दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देंगी।

ग्लोबल इकोनॉमी हुई पस्त
रिजर्व बैंक की एमपीसी ने कहा है कि व्यापार और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में सुस्ती की वजह से वैश्विक आर्थकि गतिविधियां अब फिर से पस्त पड़ने लगी हैं, जबकि कुछ समय पहले तक इनमें कुछ सुधार देखा जा रहा था। अमेरिका में पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधि कुछ मजबूत हुई है, लेकिन यूरोप में यह कमजोर बना हुई है।

देश में अनुमान से कम जीडीपी बढ़त
रिजर्व बैंक ने कहा है कि वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़त 7 फीसदी के अनुमान की जगह सिर्फ 6।8 फीसदी हुई है। इसके पहले रिजर्व बैंक ने जीडीपी में 7 फीसदी बढ़त का अनुमान जारी किया था। रिजर्व बैंक का कहना है निजी निवेश खर्च में गिरावट और निर्यात की गति सुस्त रहने की वजह से 2018-19 की चौथी तिमाही में आर्थकि गतिविधि में काफी तेजी से गिरावट आई है और इस तिमाही में जीडीपी बढ़त सिर्फ 5।8 फीसदी रही।