पुणे : समाचार ऑनलाइन – महाराष्ट्र के संतो का अभिवादन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई और ठाणे के मेट्रो को हरिझंडी दिखाते हुए भूमिपूजन किया। संत तुकाराम से लेकर संत ज्ञानेश्वर ने भक्ती मार्ग के जरिए लोगों को जोड़ा है। यह आशा अपेक्षा की भूमि है, देश का नाम ऊंचा करनेवाली भूमि है। नरेंद्र मोदी ने साथ ही कहा कि मुंबई और ठाणे देश का वह हिस्सा जिसने देश के सपनों को साकार किया है। लोगों ने यहां आकर अपने सपनों को पूरा किया है। पूरे भारत की तस्वीर एक ही जगह दिखती है। जो भी यहां आता है मराठी परंपरा में रम जाता है। मुंबई में संसाधनो पर दवाब बढ़ रहा है। ट्रांसपोर्ट और सड़कों पर दवाब बढ़ है। ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर करने के लिए अनेक प्रयास किए गये हैं। जिसमें मेट्रो मार्ग भी शामिल है। दुनिया के टॉप टेन शहरों में भारत के शहर हैं, जिसमें शहर सबसे तेजी से विकसित हो रहे हैं। मुंबई तो वैसे भी आर्थिक गतिविधियों का सेंटर रहा है। इसलिए केंद्र भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया। ट्रांसपोर्ट के दूसरे माध्यमों पर ध्यान दिया। मुंबई और ठाणे में जो मेट्रो का विस्तार हुआ, दूसरे क्षेत्रों को जोड़ने का अच्छा विकल्प रहा है। आठ साल तक कहां अटक गया। पहली लाइन 2014 में शुरू हुई। आठ साल में पहली लाइन 11 किमी शुरू हुई। मुंबई में मेट्रो का जाल बिछाने के लिए योजनाओं पर ध्यान दिया गया। 2022 से 2024 तक पौने तीन सौ किमी की लाइन उपलब्ध होगी। 2035 को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा विकसित की जा रही है।
देश जब 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा हो तो हर किसी के सिर के ऊपर छत है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा घर योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उनकी सरकार में 25 लाख घर बनाए, एक करोड़ 25 लाख से ज्यादा यानी 5 गुना से अधिक घर बनाए है। इतना काम उनका करना होता तो दो पीढ़ी चली जाती है। प्रधानमंत्री आवाज योजना के तहत 8 लाख घर बनाए जा रहे। यह वह आदर्श सोसायटी नहीं है, जो पुरानी सरकार के समय चर्चा में थी।
प्रधानमंत्री योजना के तहत ढाई लाख रुपए सीधे बैंक में जमा कर रही है। यानी लोन की रकम काफी कम हो जाती है। मतलब पहले के मुकाबले होम लोन ब्याज कम हुआ है। साढ़े छह प्रतिशत की सब्सिडी दी गई है। इन प्रयासों का मतलब यह है कि किसी ने 20 लाख रुपए का लोन लिया हो तो इस अवधि में 6 लाख रुपए की सहायता सरकार द्वारा दी जा रही है। सरकार की इन्हीं कोशिशों की वजह अपना पहला घर बुक किया और खरीदा है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष के मुकाबले दो गुना घर खरीदने की बढ़ी है। 2 हजार करोड़ रुपए की मदद मिली चुकी है। मध्यम वर्ग के लोग घर का सपना भी साकार हुआ है। कुछ लोगों के गलत नीयत और मनमानी के चलते गलत तरीके से लोग फंस जाते थे।
महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में जिसने रेरा को लागू किया। 70 वर्षों से रिएल इस्टेट कानून चलता था, अगर पहले से कानून से चलता तो काफी फलता फुलता। बिजली का बिल कैसे कम हो, सरकार इस पर काफी प्रयास कर रही है। उज्जवल निगम योजना के तहत ज्यादा से बिजली पहुंचाने का काम शुरू है। बिजली की बचत के साथ बिजली बिल कम पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। महाराष्ट्र में 1100 करोड़ रुपए का बिजली कम हुआ है। केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास पर काम कर रही है। उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को धुआं मुक्त कराने हेतू मुफ्त गैस उपलब्ध कराया जा रहा है। महिलाएं अगर छोटा मोटा काम करना चाहती है, तो उनके लिए बैंकों के दरवाजे खुले हुए हैं।