मुंबई के मुकाबले पुणे में बढ़ी हत्या की वारदातें

मुंबई । पुणे समाचार

पिछले एक साल में आर्थिक नगरी मुंबई के मुकाबले पुणे में हत्या के अधिक मामले दर्ज किए गए।राज्य अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एससीआरबी) से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो साल 2017-18 में मुंबई के मुकाबले पुणे में हत्या की वारदातें ज्यादा हुई।

मुंबई में साल 2016-17 में 137 हत्या की वारदातों को अंजाम दिया गया जो 2017-18 में घटकर 59 रह गईं। एक साल में ही मुंबई में हत्या के मामले 63 फीसदी कम हुए। वहीं बात करें पुणे की तो शहर में साल 2016-17 में 115 हत्या की वारदातें हुईं जो 2017-18 में भी 113 रहीं। यहां हत्या के मामलों में सिर्फ 5 फीसदी की ही गिरावट आई।

चोरी के मामले भी बढ़े
यहां तक कि पिछले तीन सालों में पुणे में चोरी के मामलों में भी लगातार इजाफा ही हुआ है। प्राप्त आकड़ो के अनुसार 2015-16 में चोरी के 4947 मामले सामने आए। वहीं साल 2016-17 और 2017-18 में क्रमशः 5748 और 5543 चोरी की वारदातों को अंजाम दिया गया। यानी पिछले तीन सालों में शहर में चोरी के मामले भी 12 फीसदी बढ़ गए हैं।
हांलाकि पुणे और नागपुर की तुलना में मुंबई में लूटपाट, बलात्कार और चोरी के अधिक मामले दर्ज किए गए। एससीआरबी के मुताबिक 2015-16 की तुलना में 2017-18 में महाराष्ट्र में हर दिन 1300 से अधिक संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए।

हर दिन चोरी के 260 मामले
2017-18 में हर दिन महाराष्ट्र में चोरी के 260 से अधिक मामले सामने आए। फोन चोरी के अलावा दोपहिया वाहनों की चोरी अधिक हुई। चार-पहिया वाहनों में लगाए गए अलार्म या एंटी-थेफ्ट डिवाइस के कारण इनकी चोरी कम की गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक चोरी के मामलों में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण खोए हुए सेलफोन हैं। उन्होंने कहा कि कई दशकों पहले, साइकिलों की चोरी बढ़ती थी क्योंकि यह सबसे आम वस्तु थी। अब उसकी जगह सेलफोन ने ले लिया है।