आसान नहीं सांसद आढलराव की राह

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – जैसा कि तय माना जा रहा था शिवसेना ने शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र से अपने मौजूदा सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल को ही प्रत्याशी घोषित किया है। इस सीट से हैट्रिक कर चुके आढलराव इस बार ‘चौका’ मारने की तैयारी में हैं। हालांकि इस बार उनकी राह आसान नजर नहीं आ रही। उनके समक्ष न केवल शिवसेना से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस में शामिल हुए डॉ अमोल कोल्हे बल्कि भाजपा और खासकर विधायक महेश लांडगे समर्थकों की नाराजगी की भी चुनौती है। शुक्रवार को भाजपा नगरसेवकों की पहली ही बैठक में सांसद आढलराव के खिलाफ नाराजगी का सुर गुंजा। पिछले पांच सालों में उनके द्वारा विधायक लांडगे पर की गई आरोपों और टिप्पणियों की बौछार की कड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती। कुछ ऐसी ही तस्वीर इस बैठक में दिखाई और सुनाई दी।

पुणे जिले में मावल और शिरूर लोकसभा की सीटें शिवसेना के पास है। मावल के सांसद श्रीरंग बारने और भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप एवं शिरूर के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल व भाजपा विधायक महेश लांडगे के बीच 36 का आंकड़ा है। युति से पहले तक दोनों विधायक भी मावल और शिरूर से इच्छुक थे। इस क्रम में शिवसेना सांसदों और भाजपा विधायकों के बीच पूरे पांच सालों तक सियासी वॉर छिड़ा रहा। दोनों भी एक- दूसरे को नीचा दिखाने में पीछे नहीं हटे। अब शिवसेना- भाजपा की युति होने के बाद इन चारों पर एक- दूसरे के कंधे पर हाथ रखने की नौबत आई है। मगर भाजपा के दोनों विधायक और उनके समर्थक इसके लिए दिल से तैयार नजर नहीं आते। विधायक जगताप ने तो दोनों पार्टियों की पहली ही समन्वय बैठक में अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी।

हालांकि विधायक महेश लांडगे ऐसी ही दूसरी एक बैठक में मौजूद रहे जिससे सांसद आढलराव को राहत मिली। मगर यह राहत कितना दिन तक टिक पाएगी? यह कहा नहीं जा सकता। आज शिरूर।लोकसभा चुनाव क्षेत्र में शामिल भोसरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नगरसेवकों की बैठक बुलाई गई थी। चिंचवड में हुई यह बैठक विधायक लांडगे की पहल में आयोजित की गई थी। इसमें केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ मजबूत करने में अपने योगदान को महत्वपूर्ण बताया गया। मगर पांच साल तक सांसद आढलराव द्वारा विधायक महेश लांडगे पर लगातार की गई आरोप व टिप्पणियों की बौछार को भी याद किया गया। युति के बाद भले ही आढलराव ने दावा किया था कि उन्होंने कभी लांडगे के लिए व्यक्तिगत रूप से टीका- टिप्पणी नहीं की, मगर वास्तव से सभी भलीभांति परिचित हैं। आज की बैठक में भाजपा व ख़ासकर लांडगे समर्थकों ने सवाल उठाया कि, जिसने हमारे नेता और पार्टी पर हीन शब्दों में आरोप किये, टिपणियां की उसके लिए लोगों से वोट मांगने किस मुंह से जाएं? कुल मिलाकर विधायक लांडगे समर्थकों की नाराजगी सांसद आढलराव के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है।