बुलेट ट्रेन की राह में आम और चीकू ने डाला अड़चन

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना में आम और चीकू की वजह से अड़चन आ सकती है। महाराष्ट्र में आम और चीकू पैदा करने वाले महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर उन्हें स्थानीय नेताओं की ओर से भी समर्थन मिल रहा है।

फल उत्पादकों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अपनी जमीन के अधिग्रहण को लेकर विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं। किसानों का कहना है कि वह बिना वैकल्पिक रोजगार की गारंटी मिले अपनी जमीनें अधिग्रहित नहीं करने देंगे।

दिसंबर तक करना है अधिग्रहण
जापान की फंडिंग से प्रस्तावित 17 अरब डॉलर की यह परियोजना फल उत्पादकों के विरोध के चलते दिसंबर तक जमीन अधिग्रहण के अपने लक्ष्य से भी चूक सकती है। किसानों का यह विरोध परियोजना के समक्ष सबसे बड़ी बाधा के तौर पर आ खड़ा हुआ है।

महाराष्ट्र में करीब 108 किलोमीटर लंबे हिस्से में बुलेट ट्रेन परियोजना को विरोध झेलना पड़ रहा है, जो पूरी परियोजना के करीब 5वें हिस्से के बराबर है। यह परियोजना देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को अहमदाबाद से जोड़ेगी।

सरकार ने इस प्रॉजेक्ट के जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से बाजार मूल्य से 25 फीसदी अधिक दाम पर जमीन लेने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा रीसेटलमेंट के लिए 5 लाख रुपये देने का प्रस्ताव है या फिर भूमि की कुल कीमत का 50 फीसदी तक देने की बात कही गई है। या जो अधिक होगा, वह किसान को देने का प्रस्ताव है।

इस सबके बीच बड़ी समस्या यह है कि यदि जमीन के अधिग्रहण में देरी होती है तो फिर जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी की ओर से जारी किए जाने वाले सॉफ्ट लोन में भी देरी हो सकती है।