मुंबई का भार कम करने नवी मुंबई की तरह नया शहर बसाए सरकार

रेलवे की अव्यवस्था की याचिका पर उच्च न्यायालय की सलाह

मुंबई। समाचार एजेंसी

रेलवे की अव्यवस्था पर सवाल उठानेवाली एक जनहित याचिका की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को दिए निर्देश दिए हैं कि अंधेरी पुल जैसा हादसा दुबारा न हो, इसका ख़्याल रखा जाए। इसके साथ ही मुंबई में बढ़ती भीड़, ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या के मद्देनज़र महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिए कि, नवी मुंबई की तरह एक नए शहर बसाने पर विचार करें।

इस जनहित याचिका पर सुनवाई में उच्च न्यायालय ने कहा कि, मुंबई में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो उसका असर सबसे ज्यादा असर लोकल ट्रेनों पर पड़ता है। इस वजह से यात्रियों व खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ट्रेन हादसों में घायल होनेवालों में महिलाओं की संख्या का हवाला देते हुए महिलाओं को लोकल ट्रेन में रिजर्व फर्स्ट क्लास बोगी जोड़कर उनकी दिक्कतें कम करने की सलाह भी दी है।अदालत ने मुंबई में बढ़ती भीड़, ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या को मद्देनज़र रखते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए की सरकार नवी मुंबई की तर्ज पर एक नए शहर बसाने पर विचार करें।

रेलवे की अव्यवस्था पर आई एक जनहित याचिका की पिछली सुनवाई में अदालत ने रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा था कि मानसून से पहले तैयारी के नाम पर रेलवे का कोई प्रयास नज़र नहीं आ रहा है। इसके चलते इस सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल और राज्य के महाधिवक्ता समेत रेलवे के वकील मौजूद रहें। उच्च अदालत ने इनकी मौजूदगी में सवाल किए कि रेलवे व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने क्या कदम उठाए हैं, क्या वे इसी पानी से भरे हुए ट्रैक पर बुलेट ट्रेन चलाएंगे? मानसून आने से पहले रेलवे ट्रैक की ऊंचाई क्यों नहीं बढ़ाई जा रही है? इस पर सरकार के वकील ने जवाब में कहा कि रेलवे ट्रैक की ऊंचाई बढ़ाना व्यवहारिक नहीं है क्योंकि अगर रेलवे की ट्रैक की उचाई बढ़ाई गयी तो प्लेटफार्म, रोड ओवर ब्रिज, फुट ओवर ब्रिज की भी ऊंचाई बढ़ानी पड़ेगी।

इतना ही नहीं अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया कि समंदर के रास्ते के इस्तेमाल के लिए क्या कदम उठाये गए हैं? इस पर सरकार की तरफ से वकीलों ने बताया की गोराई से चर्चगेट और नवीं मुम्बई से मुम्बई तक समुद्री रस्ते यानि समुद्र में जलवाहक शुरू करने की योजना सरकार के विचाराधीन है। अदालत ने मुंबई मनपा और रेलवे समेत पुलिस को रेलवे परिसर में फेरीवालों की समस्या से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने को कहा। साथ ही निर्देश दिये कि रेलवे के सभी वरिष्ठ अधिकारी एक बैठक कर रेलवे की समस्याओ से निपटने के लिए तीन सप्ताह के अंदर अपनी भूमिका स्पष्ट करें।