लोकसभा चुनाव से पूर्व ही विधानसभा की तैयारियों के पक्ष में राष्ट्रवादी

कांग्रेस को भेजा प्रस्ताव; कल महागठबंधन पर चर्चा संभव

मुंबई। समाचार एजेंसी

अगले साल लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के जरिए विपक्ष एकजुट होने का बिगुल बजा चुका है। इस कड़ी महाराष्ट्र में कांग्रेस की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस ने कांग्रेस को महागठबंधन का प्रस्ताव भेजा है। हांलाकि राष्ट्रवादी लोकसभा में गठबंधन से पूर्व महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के गठबंधन की तैयारियों के पक्ष में है। इसके अनुसार, विधानसभा की 288 सीटों में से 131-131 सीटों पर दोनों कांग्रेस के लड़ने के साथ ही 26 सीटें महागठबंधन की सहयोगी पार्टियों को देने का प्रस्‍ताव भेजा गया है। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी कल (मंगलवार) मुंबई दौरे पर हैं। इस दौरान दोनों पक्षों में महागठबंधन पर चर्चा की संभावना है।

महागठबंधन में दोनों कांग्रेस के साथ अन्‍य सहयोगी दलों में बहुजन समाज पार्टी, शेतकरी कामगार पार्टी, समाजवादी पार्टी, आरपीआई गवई कवाडे गुट और बहुजन विकास आघाडी पार्टी को शामिल करने की बात रखी गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकसभा की सीटों पर गठबंधन से पहले ही विधानसभा की तैयारी की जाये। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी कहा है कि पालघर चुनाव के बाद सबको समझ में आ गया है कि अगर हम एकजुट होकर सेक्युलर ताकतों से लड़ें तो भाजपा का सफाया हो जाएगा। कर्नाटक में भी अगर में जेडीएस के साथ पहले से मिलकर हमनें चुनाव लड़ा होता तो नतीजा कुछ और ही होता। महाराष्ट्र में भी यह संभव है।

बहरहाल दोनों कांग्रेस ने अपनी अपनी सीटों की पहचान कर ली है। लोकसभा में 48 सीटों में कांग्रेस 24 सीटों पर और राष्ट्रवादी 18 सीटों पर लड़ना चाहती है। वहीं बाकी 8 सीटें सहयोगी दलों को दी जा सकती है। इनमें बहुजन विकास आघाडी को पालघर, शेतकरी कामगार पार्टी के सांसद राजू शेटटी को इचलकरंजी, समाजवादी पार्टी को भिवंडी, आरपीआई गवई कवाडे गुट को विदर्भ में एक सीट चुनाव के लिए दी जा सकती है। लोकसभा चुनाव की एक सीट बसपा ने भी मांगी है। हांलाकि लोकसभा से पहले विधानसभा पर गठबंधन की तैयारी है। महागठबंधन में राष्ट्रवादी के हाइकमान शरद पवार अहम भूमिका निभा रहे हैं। अगर उनकी पहल काम आयी तो केन्द्र मे किसी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में पवार खुद को प्रधानमंत्री के दावेदार के तौर पर पेश कर सकते हैं।