नई सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना होगा

पुुुणे : समाचार ऑनलाईन – आर्थिक मंदी, अनाज एवं सब्जियों की बढ़ती दरें, महाराष्ट्र का आधे से ज्यादा भाग तथा कई राज्यों में पानी की गंभीर समस्या, कच्चे तेल की दर में लगातार वृद्धि जैसे देश के आंतरिक मुद्दों के साथ ईरान-अमेरिका तथा अमेरिका एवं चीन के बीच बढ़ता तनाव, आतंकी हमले से पड़ोसी देश श्रीलंका की नाजुक स्थिति तथा सीमा पार से घुसपैठ आदि कई चुनौतियों का सामना नई सरकार को करना होगा.

इसके अलावा नई सरकार को जुलाई में बजट पेश करना है. चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए आवश्वासनों को पूरा करने के लिए फंड कहां से जुटाया जाएगा? इस प्रश्न का भी जवाब देना जरूरी है. महाराष्ट्र व कुछ अन्य राज्यों में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे. एक तरफ मतदाताओं की अपेक्षाएं तथा दूसरी तरफ राजस्व में कमी के चलते सरकार परेशानी में फंस गई है. नोटबंदी के दौरान बड़ी राशियां जमा कराने वालों की जांच होगी

इन्कमटैक्स डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बड़ी-बड़ी राशियां बैंक में जमा कराने वाले लोगों को इन्कमटैक्स विभाग की जांच का सामना करना पड़ेगा. एक करोड़ रुपए या उससे ज्यादा नगदी बैंक में जमा कराने वाले खाताधारकों को टैक्स भरना होगा. अधिकारियों एवं टैक्स पेयर्स के बीच इंटरफेस कम करने तथा सिर्फ तकनीक पर आधारित टैक्स कलेक्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा पहले लिए गए निर्णय से यह प्रक्रिया तेज होगी. इसके चलते चार-पांच सालों में टैक्स प्रक्रिया पश्चिमी देशों में जारी प्रक्रिया की तरह सुगम हो जाएगी.

कैश की सुगमता हेतु कदम उठाना जरूरी 

कल्याणी कैपिटल्स के डायरेक्टर डॉ. आनंद साठे  ने कहा, ङ्गआर्थिक मंदी का दौर जारी है. कैश की सुगमता कम हो गई है. कैश उपलब्ध कराने हेतु सरकार को कदम उठाने चाहिए. देश पर सूखे का संकट मंडरा रहा है. उससे निपटने के लिए नदी-जोड़ प्रोजेक्ट शीघ्र पूर्ण करना जरूरी है. मध्यमवर्गीय नागरिकों तथा किसानों के जीवनस्तर में वृद्धि के लिए भी कदम उठाते हुए बजट में जीएसटी में रियायत की घोषणा अपेक्षित है. ऑटोमोबाइल उद्योग अड़चन में है. इस उद्योग को मदद मिलनी चाहिए. विदेशों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं को दृष्टि में रखते हुए कार्यरत होना जरूरी है.फ
सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार अपेक्षित

अर्थशास्त्री माधव गणपुले ने कहा, अब सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार अपेक्षित है. पिछले पांच सालों में सरकार ने बैंकों के कामकाज में सुधार करने व त्रुटियों को दूर करने हेतु कई ठोस कार्य किए हैं. अब उनका लाभ मिलना चाहिए. बीमा क्षेत्र के भी ङ्गअच्छे दिनफ आएं इसके लिए इसका विस्तार करते हुए अधिकाधिक लोगों को बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए. कर्ज डुबाने वाली तथा ठगी करने वाली कंपनियों पर नियंत्रण हेतु सरकारी कार्यक्रम अब गतिमान होने के आसार हैं. पिछले कुछ समय से पूंजी निवेश एवं खर्च ठप्प हो गया था. अब उसे भी गति मिलेगी तथा कृषि सहित सभी क्षेत्र लाभान्वित होंगे.

एपीएमसी का एकाधिकार समाप्त होना जरूरी 

एग्री कमोडिटी एक्सपर्ट दीपक चव्हाण ने कहा, ङ्गएग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमीटी सिस्टम में सुधार जरूरी है. बीजेपी को मिले समर्थन को दृष्टि में रखते हुए यह सुधार कृषि एवं इससे संबंधित सभी क्षेत्र लाभान्वित होंगे. अब एपीएमसी (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी) का एकाधिकार समाप्त होना चाहिए. इससे अनाज के गोदाम, एक्सपोर्ट एवं मॉर्गेज आदि क्षेत्रों में सुधार होगा. हम कृषि उत्पाद तैयार करने में अग्रणी हो चुके हैं, मगर उसकी तुलना में चीन में निवेश एवं सुधार की दर ज्यादा है.फ