डॉ दाभोलकर हत्याकांड में नया खुलासा; हत्यारों के साथ मौजूद थे दो और शख्स

पुणे। समाचार ऑनलाइन

सीबीआई ने किया दावा

 

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में दो और लोगों के शामिल होने का खुलासा सीबीआई ने शनिवार को पुणे की अदालत में किया। ये दोनों भी जिस विट्ठल रामजी शिंदे पुल, जहां हत्या को अंजाम दिया गया, पर पहले से मौजूद थे। सीबीआई का दावा है कि इन दो लोगों ने ही डॉ दाभोलकर की पहचान की, जिसके बाद सचिन अंधुरे और शरद कलसकर ने उनपर गोलियां चलाई।

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सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि, जब मॉर्निंग वॉक के लिए डॉ दाभोलकर शिंदे पुल पर आए तब वहां पहले से ही दो लोग मौजूद थे। जिनपर गोलियां चलाकर परोक्ष हत्या को अंजाम देने का आरोप है उन सचिन अंधुरे और शरद कलसकर ने उन्हीं दो लोगों से इस बात की पुष्टि की थी कि, सामने से आ रहे व्यक्ति ही दाभोलकर है। इसकी पुष्टि करने के बाद ही दोनों ने उनपर गोलियां चलाईं। डॉ दाभोलकर की पहचान करानेवाले वे दो लोग भी इस हत्या की वारदात में शामिल हैं, यह दावा सीबीआई ने किया है।
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सीबीआई ने उन दो लोगों की तलाश शुरू कर दी है, इसी सिलसिले में शरद कलसकर की सीबीआई कस्टडी बढ़ाने की मांग अदालत से की गई है। इसके अनुसार उसकी कस्टडी 17 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। हत्या के बाद नालासोपारा विस्फोटक सामग्री मामले में गिरफ्तार वैभव राउत और शरद कलसकर चार पिस्तौल खाड़ी में फेंक दी। इसके लिए दोनों 23 जुलाई की रात वैभव के घर से निकले। जहां पिस्तौल टुकड़े कर फेंकी गई वह जगह कलवा पुल, वसई खाड़ी पुल या कल्याण की खाड़ी में से एक है। हांलाकि शरद उस जगह को निश्चित रूप से याद नहीं कर पा रहा है। इसमें से एक पिस्तौल दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल की गई, यह अनुमान भी लगाया जा रहा है।