अवैध मलबा डालने वालों 10 गुना जुर्माना लगेंगा

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन –  पिंपरी-चिंचवड़ शहर की नदियों, नालों, झरनों आदि जलस्रोतों के बगल में स्ट्रीट लाइट, खाली और खुली जगह पर कंस्ट्रक्शन का सामान रखने पर अब मनपा फौजदारी केस दर्ज करेगी. साथ ही संबंधितों के खिलाफ 10 गुना जुर्मान की रकम वसूल की जाएगी. इस संबंध में बुधवार को हुई जनरल बॉडी की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन, मौसम विभाग मंत्रालय की तरफ से कंस्ट्रक्शन के सामान व मलबा को ठिकाने लगाना 2016 के नियम के अनुसार मनपा द्वारा मैनेजमेंट की जिम्मेदारी निर्वहन करनी है.

पर्यावरण मंत्रालय के नियमों के अनुसार इस संबंध में डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है. इसके अनुसार प्रबंधन का खर्च मलबा फैलाने वालों से वसूल किया जाएगा. नये तकनीक का इस्तेमाल करके मलबे के फिर से इस्तेमाल करने व इस तरह के कंस्ट्रक्शन के सामान की मात्रा कम करने के लिए बिल्डरों को प्रोत्साहन देने के लिए छूट देने को लेकर मनपा की तरफ से पॉलिसी तैयार की गई है. मनपा के मोशी स्थित मलबा प्रक्रिया केंद्र में नये तकनीक का इस्तेमाल करके मलबे का फिर से इस्तेमाल करने के लिए बिल्डरों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके लिए मनपा की तरफ से पॉलिसी तैयार की गई है.

शहर में निर्मित होने वाले कंस्ट्रक्शन के मलबे को सही तरीके से इकट्ठा कर उस पर वैज्ञानिक तरीके से प्रक्रिया करने, प्रक्रिया से अलग हुए कंस्ट्रक्शन के संसाधनों का मनपा द्वारा फिर से इस्तेमाल किया जाएगा. इस कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को करने और निजी प्रोजेक्ट्स में सामानों का फिर से इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन देना आवश्यक है. इसके लिए मनपा में पॉलिसी निश्चित की गई है. जनरल बॉडी में इसे मंजूरी दी गई.

शुल्क प्रति टन 200 रुपए
मलबा बैग में भरना आवश्यक है. यह मलबा मोशी के कचरा डिपो में प्रक्रिया केंद्र तक खुद के खर्च से ला सकते हैं. यह मलबा प्रबंधन केंद्र के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करके वाहन बुलवा सकते हैं. दोनों ही श्रेणी में मलबे को उठाने व मोशी प्रक्रिया केंद्र तक ढोने का खर्च प्रति किलोमीटर अथवा प्रतिटन 15 रुपए होगा. जबकि निर्माण कार्य के मलबे का प्रक्रिया शुल्क प्रतिटन 200 रुपए लिया जाएगा.

10 गुना जुर्माना लगेगा
अवैध मलबा नदियों, नालों, झरणों के किनारों में डालने वाले व्यक्ति, संस्था, कॉन्ट्रैक्टर द्वारा मलबे की ढुलाई व प्रक्रिया के लिए आने-जाने के खर्च को 10 गुना जुर्माना लगेगा. नागरी ठोस कचरा प्रबंधन के नियमानुसार फौजदारी कार्रवाई भी हो सकती है. प्रक्रियायुक्त मलबा के इस्तेमाल के लिए व्यवसायियों को प्रोत्साहन देने के लिए ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग के तहत प्रमाणपत्र लेने वाले इस कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स ने प्रॉपर्टी में प्रचलित दर से पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी.