दोषियों के खिलाफ नहीं होती कार्रवाई, घोरपडी हादसे से नहीं सीखा सबक

पुणे। समाचार ऑनलाइन 

पुणे के जुना बाजार स्थित होर्डिंग गिरनेवाला हादसा काफी गंभीर है। जिस पर पुणे रेलवे प्रशासन द्वारा यह दिलासा बार बार दिया जा रहा है कि इस मामले को लेकर समिति गठित की गई है, इस हादसे की जांच उच्च स्तर पर की जा रही है। जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे रटे रटाए हुए जवाब देने में रेलवे प्रशासन एक्सर्ट है। अगर याद हो तो इससे पहले भी इसी तरह का हादसा पुणे के मुंढवा इलाके में भी हुआ था। घोरपडी स्थित होर्डिंग गिरने के मामले में अबतक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इस हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारी को संस्पेंड करने की बजाय मुंबई में ट्रांसफर कर दिया गया। यह संबंधित अधिकारी के लिए सजा नहीं थी, ब्लकि इस कार्रवाई से बचाने का ढोंग था।
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पिछले साल 16 जून को घोरपडी में रेलवेमार्ग से होर्डिंग गिरने की घटना घटी थी। वह होर्डिंग सीधे रेलवे ट्रैक पर जा गिरा था। गनीमत है कि 25 हजार वोल्ट का बिजली का तार के ऊपर होर्डिंग नहीं गिरा था। पास में ही डीजल-पेट्रोल का डेपो भी था। लेकिन भगवान की कृपा से बड़ा अनर्थ होने से टल गया था। इस घटना के चलते पूरी रात ट्रेनों की कनेक्टिवटी बाधित हुई थी। इस हादसे के बाद भी पुणे रेलवे प्रशासन ने सबक नहीं सीखा था।
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इस मामले में पुणे समाचार को रेलवे प्रवासी ग्रुप की अध्यक्षा हर्षा शहा ने बताया कि घोरपडी स्थित होर्डिंग गिरने के मामले में दोषी अधिकारी विजय आर्या को निलंबित नहीं किया गया था। उन्हें बचाने के लिए उनका ट्रांसफर मुंबई कर दिया गया था। हमेशा दोषियों पर जान बूझकर कार्रवाई नहीं की जाती है। इसलिए जुना बाजार मामले होर्डिंग मामले में दोषी रेलवे अधिकारियों की जांच की जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए। दोषी अधिकारी तुरंत अपना इस्तीफा दें।

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