अब आखिर तक घरवापसी नहीं: विधायक जगताप की घोषणा

अधिकांश लंबित मसले सुलझने का जताया संतोष
पिंपरी। संवाददाता – जिन लंबित मसलों को लेकर भाजपा में प्रवेश किया था उनमें से अधिकांश मसले हल हो गये हैं। जो अभी भी लंबित हैं वे भी हल होने की कगार पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में देश और महाराष्ट्र उन्नति के मार्ग पर है। इसका संतोष जताते हुए भाजपा के शहराध्यक्ष व चिंचवड विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण जगताप ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस में अपनी घरवापसी की संभावना को सिरे से नकार दिया है।
11 दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के  नतीजे घोषित होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए कई विधायक, सांसद और दिग्गज नेताओं की घरवापसी तय है। यह दावा करते हुए एक खबरिया चैनल ने जिन नेताओं की घरवापसी का दावा किया है उनमें विधायक लक्ष्मण जगताप भी शामिल हैं। इस खबर के बाद शहर में सियासी हड़कंप मच गया। इसके बाद उन्होंने खुद एक बयान जारी कर ‘अब आखिर तक भाजपा का दामन नहीं छोड़ने’ का स्पष्टीकरण दिया।
गौरतलब हो कि विधायक जगताप शुरू से राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ थे। उसी में वे पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सबसे करीबी रहे। उन्हीं के छिपे समर्थन से जगताप ने बगावत का झंडा लहराकर पहले विधानपरिषद और बाद में विधानसभा में ‘एंट्री’ की। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस का टिकट न लेते हुए शेकापा और मनसे के समर्थन पर मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा। हालांकि यहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवादी में ‘घरवापसी’ की अटकलें तेज हो चली थी। मगर ऐन मौके पर उन्होंने भाजपा में प्रवेश किया और विधायक चुने गए। इसके बाद भाजपा के शहराध्यक्ष चुने गए और उनके समेत विधायक महेश लांडगे व भूतपूर्व महापौर आजमभाई पानसरे त्रिकुट ने पिंपरी चिंचवड मनपा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस का तख्त पलटकर रख दिया। पानसरे के भाजपा प्रवेश में विधायक लांडगे की पहल थी मगर जगताप की भी भूमिका अहम रही।
मनपा में सत्ता लाने के बाद विधायक जगताप के हौसले बुलंद हैं और वे अब लोकसभा में ‘एंट्री’ करने की तैयारियों में जुटे हैं। शिवसेना और भाजपा का गठबंधन होने की सूरत में मावल लोकसभा की सीट से टिकट मिलना संभव नहीं है क्योंकि यह सीट गत 10 सालों से शिवसेना के कब्जे में है। ऐसे में माना जा रहा है कि जगताप की राष्ट्रवादी में घरवापसी तय है। इस चर्चा को आज एक खबरिया चैनल की खबर से बल मिला और शहर के सियासी गलियारे में खलबली मच गई। हालांकि एक बयान जारी कर खुद जगताप ने अपनी घरवापसी की चर्चा पर ‘फुल स्टॉप’ लगा दिया।