बगैर क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किये किसी को अपनी संपत्ति से बेदखल नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली, 9 जनवरी –सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक खास फैसले में कहा कि राज्य विधि की अनुमति के बिना नागरिकों को उनकी संपत्ति से बेदखल नहीं किया जा सकता है. उन्होंने  इसे मानवाधिकार और संविधान के अनुच्छेद 300 ए के तहत संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया।

जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने अपने अहम् फैसले में कहा कि विधि के नियम से संचालित राज्य, एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते संविधान प्रदत दर्जे से अलग नहीं हो सकता हैं.
8 सप्ताह के अंदर मुआवजा देने का आदेश 
इस फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को आदेश दिया कि वह उस निरक्षर विधवा को 8 सप्ताह के अंदर मुआवजा दे और साथ ही संविधान लाभ प्रदान करे. विधवा महिला की जमीन 1967-68 में हमीरपुर जिले में नदाऊ-सुजानपुर सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने ले लिया था. यह जमीन बिना प्रक्रिया पूरी किये ली गई थी।  कोर्ट ने अनुच्छेद 136 और 142  के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए राज्य को महिला को मुआवजा देने का आदेश दिया।