नो स्पेशल ड्राइव नो एक्शन प्लान; सीधे एक्शन में है यकीन

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – विधानसभा चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले ही पिंपरी चिंचवड शहर के पहले पुलिस आयुक्‍त आर.के. पद्मनाभन का तबादला हो गया। उनकी जगह महाराष्ट्र वैधमापन शास्त्र विभाग के नियंत्रक संदीप बिष्णोई ने शनिवार को आयुक्तालय की कमान संभाल ली है। पदभार संभालने के बाद संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में उन्होंने दो टूक में स्पष्ट कर दिया कि, यहाँ वे न कोई स्पेशल ड्राइव न किसी एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे। क्योंकि वे कथनी में नहीं करनी में यकीन रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका एक्शन ही सब कुछ बयां करेगा। पिंपरी चिंचवड़ शहर लोगों को सुरक्षित लगे, इसके लिए हम और कड़ी मेहनत करेंगे।
गत वर्ष 15 अगस्त को पुणे शहर व पुणे ग्रामीण पुलिस की सीमाओं का विभाजन कर पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय की स्थापना की गई। यहां के पहले आयुक्त के तौर पर आरके पद्मनाभन को नए आयुक्तालय की कमान सौंपी गई। वे अगले माह (अक्टूबर) के अंत में रिटायर हो रहे हैं। माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव उनके मातहत में ही होंगे, मगर उससे पहले ही उनका तबादला कर दिया गया। उन्हें फिलहाल कोई पोस्टिंग नहीं दी गई है। अपने कार्यकाल पर संतोष जताते हुए तबादले की वजह के बारे में निवर्तमान पुलिस आयुक्त पद्मनाभन ने बताया कि, चुनाव के दौरान जिन उच्च अधिकारियों की रिटायरमेंट के लिए छह माह से कम कालावधि रह गई हो उन्हें किसी भी एक्जीक्यूटिव पोस्ट पर नहीं रखा जाना चाहिए, ऐसा निर्वाचन आयोग का आदेश है। इसी आदेश के तहत ये तबादले किए गए हैं।
बहरहाल पद्मनाभन की जगह राज्य वैधमापन शास्त्र नियंत्रक के तौर पर कार्यरत संदीप बिष्णाई को पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय की कमान सौंपी गई है। आज सुबह उन्होंने यहां पहुंचकर अपना पदभार संभाल लिया। निवर्तमान आयुक्त पद्मनाभन, सह आयुक्त प्रकाश मुत्याल, अतिरिक्त आयुक्त रामनाथ पोकले ने उनका स्वागत किया। उच्चाधिकारियों समेत पुलिस उपायुक्त, सहायक आयुक्तों के साथ छोटी बैठक के बाद बिष्णाई ने संवाददाताओं के साथ संवाद साधा। उन्होंने कहा कि, आपराधिक वारदातों की रोकथाम के साथ शहर में कानून व्यवस्था बनाये रखना, लोगों को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता रहेगी। अलग आयुक्तालय शुरू होने के बाद भी शहर में अपराध घटे नहीं बल्कि और बढ़ गए। इस आरोप से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, अपराध नहीं बल्कि मामले दर्ज होने का प्रमाण बढ़ गया है। आपराधिक मामलों के आंकड़े मायने नहीं रखते, जबकि मामले सुलझाने का प्रमाण मायने रखता है। अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से आपराधिक मामले सुलझाने पर जोर दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शहर में कानून व्यवस्था बनाये रखने और चुनाव शांति के माहौल में संपन्न कराना हमारी प्राथमिकता रहेगी।